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बरसों से फाइलों में अटका चिनाब नदी की धारा से आखिर फूटी रोशनी की नई उम्मीद

बरसों से फाइलों में अटका चेनाब नदी पर बनने वाले महत्वाकांक्षी किरु हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट अब रफ्तार पकड़ेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस परियोजना के लिए बजट आवंटन को मंजूरी प्रदान की।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 09 Mar 2019 10:41 AM (IST)Updated: Sat, 09 Mar 2019 10:41 AM (IST)
बरसों से फाइलों में अटका चिनाब नदी की धारा से आखिर फूटी रोशनी की नई उम्मीद
बरसों से फाइलों में अटका चिनाब नदी की धारा से आखिर फूटी रोशनी की नई उम्मीद

किश्तवाड़ ,बलबीर सिंह जम्वाल। बरसों से फाइलों में अटका चिनाब नदी पर बनने वाले महत्वाकांक्षी किरु हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट अब रफ्तार पकड़ेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को इस परियोजना के लिए बजट आवंटन को मंजूरी प्रदान कर दी है। 4287.59 करोड़ की इस परियोजना से 624 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है। जिससे उत्तरी ग्रिड के अलावा जम्मू-कश्मीर के सबसे पिछड़े जिलों डोडा व किश्तवाड़ को बिजली आपूर्ति मिल पाएगी और क्षेत्र के विकास में क्रांति आएगी।

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इससे पूर्व मंत्रिमंडल इस प्रोजेक्ट के आरंभिक कार्यों के लिए 70 करोड़ रुपये जारी कर चुका है। इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन का अधिग्रहण व अन्य कार्य पहले ही पूरे हो चुके हैं। किश्तवाड़ के नाग सैनी इलाके में चेनाब पर बनने वाली 624 मेगावाट की पनबिजली परियोजना का काम कई वर्षों से लटका हुआ था। हर बार इसमें कोई न कोई अड़चन खड़ी हो जाती थी। फरवरी में राज्य के दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना का शिलान्यास किया था। इससे पूर्व राज्य सलाहकार समिति इस प्रोजेक्ट पर मुहर लगा चुकी है। इसके बाद लंबित औपचारिकताओं को जल्दी से पूरा कर लिया गया और आचार संहिता से पहल मंत्रिमंडल ने बजट आवंटन को स्वीकृति प्रदान कर दी।

इसके साथ ही पक्कल दूल पनबिजली परियोजना का शिलान्यास भी प्रधानमंत्री ने जम्मू से ही किया था और उसका काम जोरशोर पर जारी है। अब किरु परियोजना में भी कोई अड़चन नहीं बची है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य लगभग पहले ही पूरा हो चुका है।

2016 में मिल गई थी वन विभाग की मंजूरी

किरु पनबिजली परियोजना को वन विभाग की मंजूरी 19 जून 2016 को मिल गई थी। इसके कुछ दिन बाद ही पर्यावरण विभाग की अनुमति भी मिल गई। यह एनएचपीसी, जेकेएसपीडीसी, पीटीसी का संयुक्त उपक्रम है और इसमें तीनों की क्रमश: 49, 49 और 2 फीसद भागेदारी है। इसका नाम (सीवीपीपी) चेनाब वेली पावर प्रोजेक्ट रखा गया है। सीबीपीपी का गठन 2011 में किया गया था और सीवीपीपी के अधीन 1000 मेगावॉट कि पक्कल दुल पनबिजली परियोजना का काम भी चल रहा है।

135 मीटर ऊंचा बनेगा बांध

इस परियोजना के लिए बांध की ऊंचाई 135 मीटर होगी। पावर हाउस में कुल चार यूनिट होंगी। प्रत्येक यूनिट 156 मेगावाट की होगी। परियोजना के लिए आसपास की 179. 78 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की गई है। इसमें से 82.5 हेक्टेयर जमीन वन विभाग की थी और 51. 37 हेक्टेयर सरकारी थी। शेष 46.36 हेक्टयेर जमीन निजी लोगों की हैं। इस परियोजना का डैम 6.5 किलोमीटर का होगा। परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य 54 माह का है। परियोजना से राज्य को 12 प्रतिशत मुफ्त बिजली मिलेगी। उत्पादित बिजली की कमाई का एक फीसद हिस्सा स्थानीय इलाके के विकास पर खर्च होगा।

डीसी किश्तवाड़ अंग्रेज राणा ने कहा कि किरु परियोजना की टेंडर प्रतिक्रिया तकरीबन पूरी हो चुकी है। जल्द ही इसका काम शुरू हो जाएगा। इस परियोजना में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। विशेष रूप से उन लोगों को जिन लोगों ने अपनी जमीन परियोजना के लिए दी है। प्रशासन की तरफ से लोगों का पूरा सहयोग किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि चेनाब नदी पर किरु हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करता हूं। यह प्रोजेक्ट काफी समय से लटका था। केंद्र सरकार के हस्तक्षेप और राज्यपाल शासन के सहयोग से यह संभव हो सका है।  


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