Jammu Kashmir: नेकां प्रांतीय प्रधान देवेंद्र सिंह राणा ने कहा- राष्ट्र और जम्मू के हितों से समझौता नहीं
राणा ने कहा कि जो लोग संदेह और अविश्वास पैदा कर रहे हैं।वे वास्तव में अपने विश्वासघात के पीछे छिप रहे हैं। जो उन्होंने जम्मू में भड़काया है।जिसने उन्हें 2014 में बड़े पैमाने पर जनादेश दिया था। उन्होंने जम्मू के प्रति भाजपा की ईमानदारी पर सवाल उठाया।
जम्मू, जागरण संवाददाता: नेशनल कांफ्रेंस प्रधान डॉ. फारूक अब्दुल्ला बेशक कश्मीर मामले में चीन के हस्तक्षेप और कभी भारत वाला जम्मू-कश्मीर भारत में और पाकिस्तान वाला गुलाम कश्मीर पाकिस्तान के पास ही रहने की वकालत करते रहे हों लेकिन इसी पार्टी के जम्मू प्रांतीय प्रधान देवेंद्र सिंह राणा का कहना है कि राष्ट्र और जम्मू के हितों की रक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। नेशनल कांफ्रेंस ऐसा कभी भी नहीं होने देगा।
नगरोटा विधानसभा में जनता से संबोधित करते हुए राणा ने साफ किया कि लोगों के बीच संदेह पैदा किया जा रहा है। नेशनल कांफ्रेंस की विकास की मुहिम के सामने जब विपक्षी दलों की एक नहीं चलती तो नेकां को राष्ट्र विरोधी साबित करने की कोशिश की जाती है। उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर अगर भारत का अटूट अंग है तो इसका श्रेय नेकां के संस्थापक पूर्व मुख्य मंत्री शेख मोहम्मद अब्दुल्ला को ही जाता है।उनके बिना जम्मू-कश्मीर का इतिहास अधूरा है। जनता को घुमराह करने वालों को चुनावों में उनका जवाब मिल जाएगा।
राणा ने साफ किया कि नेशनल कांफ्रेंस धोखे की राजनीति में विश्वास नहीं करता है और विश्वासघात उसके डीएनए में नहीं है।राणा ने नगरोटा विधान सभा में विभिन्न सभाओं में कहा कि भारतीय जनता पार्टी जो आरोप लगा रही है, उनका जवाब जनता को देना होगा।
शेर-ए-कश्मीर शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने उस भारत के साथ रहने का निर्णय लिया था, जहां समानता, न्याय और समावेश की भावना का सम्मान होता है। जिस तरह की राजनीति अब की जा रही है, उसमें उन्होंने कभी विश्वास नहीं किया। वह सभी के हितों की रखा में विश्वास करते थे। उन्हीं के बताए रास्तों पर पार्टी के दूसरे नेता भी चलते हैं। उनकी विचारधारा के साथ ही पार्टी आगे बढ़ रही है। दुनिया के सबसे बडे़ लोकतंत्र में शेख मोहम्मद अब्दुल्ला का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
राणा ने कहा कि जो लोग संदेह और अविश्वास पैदा कर रहे हैं।वे वास्तव में अपने विश्वासघात के पीछे छिप रहे हैं। जो उन्होंने जम्मू में भड़काया है।जिसने उन्हें 2014 में बड़े पैमाने पर जनादेश दिया था। उन्होंने जम्मू के प्रति भाजपा की ईमानदारी पर सवाल उठाया। लोगों से पूछा कि इस क्षेत्र के लिए उन्होंने क्या किया है।केंद्र में उनकी सरकार है और जम्मू-कश्मीर में सब उन्हीं के दिशा निर्देशों अनुसार हो रहा है।