अपनी पार्टी की सक्रियता से मची खलबली, नेकां-कांग्रेस ने शुरू किया बैठकों का सिलसिला
जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के सियासत में बढ़ते कदम को देखते हुए नेशनल कांफ्रेंस ने श्रीनगर और कांग्रेस ने जम्मू में बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: हाल ही में गठित जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी की बढ़ती सक्रियता ने कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस में खलबली पैदा कर दी है। इन पार्टियों के कई नेता इस नवगठित पार्टी में शामिल हुए हैं। अल्ताफ बुखारी की जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के कई नेता पिछले दो दिनों में नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठकें कर चुके हैं। इसे अपनी पार्टी की केंद्र शासित जम्मू कश्मीर की सियासत में बढ़ते कदम के रूप में देखा जा रहा है।
जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के सियासत में बढ़ते कदम को देखते हुए नेशनल कांफ्रेंस ने श्रीनगर और कांग्रेस ने जम्मू में बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया है। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला की रिहाई से उनकी पार्टी को संजीवनी मिल गई है। उनकी रिहाई से कश्मीर केंद्रित दलों की सियासत भी जोर पकड़ने लगी है। कांग्रेस व नेशनल कांफ्रेंस जम्मू कश्मीर में सियासी गतिविधियां शुरू करने के लिए राजनीतिक कैदियों की रिहाई के मुद्दे को तूल देने के लिए हरकत में आ गई हैं। फारूक के साथ श्रीनगर में पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद बैठक भी कर चुके हैं। सोमवार को फारूक ने श्रीनगर में पार्टी नेताओं से बैठक कर आगे की रणनीति पर चर्चा की। गुपकार रोड़ स्थित उनके आवास में हुई बैठक में पूर्व विधायक जावेद डार व पार्टी की कश्मीर इकाई के वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। पार्टी सूत्रों के अनुसार फारूक ने कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर लोगों के मुद्दों को उजागर करने के लिए कहा है। इससे पहले रविवार को फारूक ने जम्मू प्रांतीय इकाई को भी गतिविधियां तेज करने के लिए कहा था।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीए मीर ने जम्मू में पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। इसमें जम्मू कश्मीर में मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों की सियासी गतिविधियों पर रोक लगाने की कोशिशों के खिलाफ आवाज के लिए कहा गया। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र शर्मा का कहना है कि पार्टी भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाएगी। उन्होंने कहा कि एक ओर जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी को सियासी गतिविधियां करने में सहयोग दिया जा रहा है तो दूसरी ओर कांग्रेस जैसी मुख्यधारा की पार्टी को रोका जा रहा है। यह भेदभाव है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी दलों को तवज्जो दी जानी चाहिए। किसी के साथ भेदभाव न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए।