Jammu Kashmir: योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में बिना दवा होगा मरीजों का इलाज
सीईओ रमेश कुमार ने कहा कि आज के युग में पारंपरिक चिकित्सा की आवश्यकता है। इसके लिए बहुत सी चुनौतियां हैं लेकिन विश्वास हो तो कुछ भी संभव हो सकता है। हम सभी को योग और प्राकृतिक चिकित्सा की ओर ध्यान देना होगा।
जागरण संवाददाता, जम्मू : माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार ने वीरवार को जम्मू में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र का उद्घाटन किया। इस मौके पर एक्वा के डॉ. केके वर्मा विशेष रूप से मौजूद रहे। प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र के संस्थापक योग गुरु विजय कृष्ण पराशर और निदेशक सुदेश शर्मा विशेष अतिथि थे।
उन्होंने कहा कि पहली प्राकृतिक चिकित्सा क्लीनिक में लोगों को बिना दवा के इलाज मिलेगा। विजय कृष्ण पराशर ने कहा कि चिकित्सा के वैकल्पिक रूप से जीवन शैली में सुधार संभव है। अगर हम सही भोजन का सेवन करते हैं तो अधिकांश बीमारियों को रोका जा सकता है। योग का अभ्यास करें। पारंपरिक भारतीय ज्ञान, योग और प्राकृतिक चिकित्सा जैसी प्रणालियां हमें स्वस्थ रहने में मदद करती हैं। वे हमारा मार्गदर्शन करते हैं।शरीर और मन दोनों की अंतर्निहित कमजोरियों को दूर करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा का विशेष महत्व है।
आज के युग में बीमारी को जड़ से मिटाने के बजाए जल्द राहत पाने की कोशिश रहती है। आधुनिक जीवन शैली ने पूरा सिस्टम खराब कर रखा है। उनका मकसद किसी प्रकार की घुसपैठ नहीं है, बल्कि पारंपरिक उपचार से लोगों का स्वस्थ जीवन शैली प्रदान करने का एक प्रयास है। उनका मकसद शरीर के साथ-साथ मन को भी स्वास्थ रखना है। हमारा मकसद है कि लोगों का बीमारियों पर कम से कम खर्च हो और यह पारंपरिक शैली से ही संभव है। हम बीमार का इलाज करने के बजाय बीमारी की रोकथाम में विश्वास करते हैं।
सीईओ रमेश कुमार ने कहा कि आज के युग में पारंपरिक चिकित्सा की आवश्यकता है। इसके लिए बहुत सी चुनौतियां हैं, लेकिन विश्वास हो तो कुछ भी संभव हो सकता है। हम सभी को योग और प्राकृतिक चिकित्सा की ओर ध्यान देना होगा। उन्होंने योग और प्राकृतिक चिकित्सा को एक दूसरे का पूरक बताया। जगदीश शर्मा ने मंच की कार्यवाही के दौरान बताया कि डॉ. रेखा रानी मल्होत्रा अनुभवी क्लीनिक चीफ नेचुरोपैथ हैं। क्लीनिक में इन रोगों का प्राकृतिक ढंग से होगा उपचार केंद्र के निदेशक सुदेश शर्मा ने कहा कि मालिश, स्वी¨मग, योग, फिजियोथेरैपी, एक्यूप्रेशर, मैग्नेटो थेरेपी, आहार केंद्र में दिए जाते हैं।
एनीमिया, एसिड पेप्टिक रोग, ब्रोंकियल अस्थमा, एलर्जी, ¨चता न्यूरोसिस, बेल्स पाल्सी, पीठ दर्द, ग्रीवा स्पोंडिलोसिस, मधुमेह मेलेटस, जिल्द की सूजन, अवसाद, एक्जिमा फ्रोजन शोल्डर, गैस्ट्रिटिस, गाउट, पित्त स्टोंस, उच्च रक्तचाप, हाइपो-हाइपर तनाव, इंटरवर्टेब्रल डिस्क रोग, चिड़चिड़ापन, आंत्र ¨सड्रोम, नपुंसकता और बांझपन, अनिद्रा, जोड़ों का दर्द, लंबर स्पेंडिलोसिस, रजोनिवृत्ति के लक्षण, माइग्रेन का सिरदर्द, मोटापा, पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस, पक्षाघात और अन्य बीमारियों का इलाज उनके तरीके से संभव है।