Jammu: अंग्रेजी में नहीं हिन्दी-डोगरी में लगने चाहिए साइन बोर्ड, नेशनल सेक्युलर फोरम ने की मांग
डा. विकास ने छोटी-छोटी बातों पर प्रदर्शन करने वालों को भी आडे़ हाथों लेते हुए कहा कि उन्हें क्यों नहीं दिख रहा कि कैसे अंग्रेजी उन पर थोपी जा रही है और डोगरी हिन्दी की उपेक्षा हो रही है।
जम्मू, जागरण संवाददाता : नेशनल सेक्युलर फोरम ने जम्मू के स्मार्ट सिटी साइन बोर्ड लगाए जाने की आड़ में अग्रेजी को बढ़ावा देने और डोगरी हिन्दी की उपेक्षा का आरोप लगाया है। पत्रकारों को संबोधित करते हुए फोरम के अध्यक्ष डा. विकास शर्मा ने कहा कि शहर में जितने भी साइन बोर्ड लगाए गए हैं या लगाए जा रहे हैं। सभी अंग्रेजी में लिखे गए हैं जबकि यहां हिन्दी, डोगरी सबसे ज्यादा बोली, समझी जाने वाली भाषा है। हिन्दी और डोगरी राजभाषाएं भी हैं। उसके बावजूद केंद्र शासित प्रदेश में इन भाषाओं की उपेक्षा हो रही है।
साइन बोर्ड अंग्रेजी में लिखे जाने का लोगों में रोष है लेकिन उन्हें समझ नहीं आ रही कि आखिर वह किस से शिकायत करें। डा. विकास ने छोटी-छोटी बातों पर प्रदर्शन करने वालों को भी आडे़ हाथों लेते हुए कहा कि उन्हें क्यों नहीं दिख रहा कि कैसे अंग्रेजी उन पर थोपी जा रही है और डोगरी, हिन्दी की उपेक्षा हो रही है।
उन्होंने कई राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां अंग्रेजी हिन्दी के अलावा स्थानीय भाषाओं में भी साइन बोर्ड लगे हुए हैं। इतना ही नहीं श्रीनगर में भी अंग्रेजी के अलावा उर्दू में भी साइन बोर्ड लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू के लाेगों को सरकार हल्के में ले रही है।
जम्मू से वर्षो से सोतेला व्यवहार होता रहा है और अब भी उसमें कोई अंतर नहीं आया है। आज भी जम्मू से भेदभाव हो रहा है। स्मार्ट सिटी साइन बोर्ड देख कर ही अहसास हो जाता है कि जम्मू के लोगों की भावनाओं से सरकार कोई लेना देना नहीं है। प्रेस कांफ्रेंस में डॉ सुखदेव सिंह, पाेपिंद्र सिंह, चेतराम शर्मा और राहुल शर्मा भी मौजूद थे।