Jammu Kashmir: एनएसयूआइ के राष्ट्रीय प्रधान नीरज बोले- पहले टीकाकरण जरूरी है, 12वीं की परीक्षा नहीं
एनएसयूआइ के राष्ट्रीय प्रधान नीरज कुंदन ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर कोरोना के उपजे हालात के बीच 12वीं कक्षा की परीक्षाएं न करवाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि 12वीं कक्षा के अधिकतर विद्यार्थी 18 वर्ष से कम आयु के हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । एनएसयूआइ के राष्ट्रीय प्रधान नीरज कुंदन ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर कोरोना के उपजे हालात के बीच 12वीं कक्षा की परीक्षाएं न करवाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि 12वीं कक्षा के अधिकतर विद्यार्थी 18 वर्ष से कम आयु के हैं। अभी तक युवाओं का टीकाकरण नहीं हुआ है इसलिए युवाओं की जान को खतरा है।
उन्होंने कहा कि 12वीं की बोर्ड की परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लेते समय स्वयं के दिशा निर्देशों पर विचार करने में विफल रहे। एक डर यह भी है कि हमारा देश तीसरी लहर का सामना कर रहा होगा। मुझे उम्मीद है कि आप पूरी तरह से जानते हैं कि प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार ने खुद कहा था कि चरण तीसरा बहुत खतरनाक है।
तीसरी लहर को रोकने के लिए एहतियाती उपाय करने के बजाए आप 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित निर्णय लेकर इन मासूम बच्चों की जान जोखिम में डाल रहे है। इस निर्णय को लागू करने से पहले ध्यान में रखने वाला एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू इन बच्चों का उचित टीकाकरण है। केंद्र सरकार बच्चों के टीकाकरण के लिए कोई ठोस योजना नहीं लेकर आई है और इस पर अभी तक विचार भी नहीं किया गया है, दूसरी ओर अमेरिका जैसे देश 12-15 वर्ष की आयु के लगभग 6 लाख बच्चों का टीकाकरण पहले ही कर चुके हैं, ब्रिटेन ने बच्चों के टीकाकरण करने का रोडमैप बना लिया है।
हम मानते हैं कि इन बच्चों की पढ़ाई दांव पर है लेकिन हमारे बच्चों के जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है। हमारे पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, जो इस देश के बच्चों के लिए एक प्यारे चाचा थे, उन्होंने एक बार कहा था कि बच्चे एक बगीचे में कलियों की तरह होते हैं और उन्हें सावधानी और प्यार से पाला जाना चाहिए, क्योंकि वे राष्ट्र का भविष्य हैं और कल के नागरिक।