उमर अब्दुल्ला ने कहा- अगर अब हम कुर्सी के पीछे भागे तो लानत है हम पर, लोग हमें माफ नहीं करेंगे
उमर ने कहा कोई भी चीज आसानी से नहीं मिलती कुर्बानियां देनी पड़ती हैं-पूछा क्या आप चाहते हैं हम कश्मीर में मुख्यधारा की सियासत छोड़ दें अगर हमारी नजर सिर्फ सचिवालय या कुर्सी पर रही। हमारी लड़ाई हमारी पहचान के लिए है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सभी दलों से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि लानत हो हम पर, अगर इन हालात में भी हम इक्तिदार (सत्ता) की कुर्सी के पीछे भागे। लोग हमें माफ नहीं करेंगे, अगर हमारी नजर सिर्फ सचिवालय या कुर्सी पर रही। हमारी लड़ाई हमारी पहचान के लिए है।
उन्होंने केंद्र सरकार और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हम तो यही मानते आए थे कि हमें जो हासिल करना है वह राष्ट्रीय संविधान के तहत राष्ट्रीय संविधान में ही शांतिपूर्ण तरीके से हासिल करना है। आज यही लोग हमें यह मानने पर मजबूर कर रहे हैं कि हमारा तरीका गलत था। केंद्र सरकार पर कश्मीर में मुख्यधारा की सियासत को खत्म करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि अगर कश्मीरी हिंदोस्तान का दुश्मन होता तो आज इतिहास कुछ और होता।
श्रीनगर में नेशनल कांफ्रेंस मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उमर ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम और केंद्र द्वारा लागू किए गए भूमि कानूनों के खिलाफ मिलकर लड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि किसी को नहीं पता कि आगे क्या होगा। वही होगा जो अल्लाह ने सोचा होगा। कोई भी अच्छी चीज आसानी से नहीं मिलती। इसके लिए बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, कुर्बानियां देनी पड़ती हैं।उमर ने कहा कि पीडीपी का नाम लिए बिना कहा कि एक सियासी दल के लोगों को जम्मू में भूमि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन की इजाजत दी जाती है, लेकिन कश्मीर में उन्हें थानों में बंद किया जाता है।
उन्होंने दिल्ली को संबोधित करते हुए कहा कि क्या आप लोग चाहते हैं कि हम कश्मीर में मुख्यधारा की सियासत छोड़ दें। उन्होंनें पीपुल्स कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी व अन्य दलों के साथ मिलकर बनाए गए पीपुल्स एलांयस का जिक्र करते हुए कहा कि हम सभी लोग आज एक ही झंडे के नीचे अपनी पहचान और अपने सम्मान को बचाने के लिए जमा हुए हैं। हम मिलकर लड़ेंगे। आज हम अपनी जमीन, अपनी पहचान और सम्मान को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। यह लड़ाई मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए नहीं है।
महाराजा के कानून की धज्जियां उड़ाई गई :
उमर ने कहा कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने पर भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि भाजपा वाले कल जम्मू में जिस महाराजा की मूर्ति के सामने खड़े होकर उनकी सराहना कर रहे थे, उसके बनाए कानून की ही धज्जियां उड़ाई गई हैं। उन्होंने कहा कि हमने कभी भी इस मुल्क के झंडे के खिलाफ बात नहीं की, हमने कभी इसके संविधान को नहीं नकारा। इसके बावजूद जब कश्मीर के लोग अपनी पहचान बचाने के लिए आवाज उठाते हैं तो उन्हें बागी करार दिया जाता है।