Jammu Kashmir: नेशनल कांफ्रेंस ने की प्रदेश के जिलों में डीआरडीओ अस्पताल बनाने की मांग
ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए नेशनल कांफ्रेंस ने मांग की है कि रक्षा और अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) जम्मू-कश्मीर के गैर-जीएमसी जिलों में ऑक्सीजन युक्त 100 बिस्तरों वाले अस्पतालों की स्थापना करे ताकि दूरदराज क्षेत्रों में कोविड के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाया जा सके
जम्मू, जागरण संवाददाता : ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए नेशनल कांफ्रेंस ने मांग की है कि रक्षा और अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) जम्मू-कश्मीर के गैर-जीएमसी जिलों में ऑक्सीजन युक्त 100 बिस्तरों वाले अस्पतालों की स्थापना करे, ताकि दूरदराज क्षेत्रों में कोविड के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाया जा सके और लोगों को अपने घरों के नजदीक ही अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
नेकां के राज्य सचिव पूर्व एमएलसी रतन लाल गुप्ता ने कहा कि स्थिति दिन व दिन बिगड़ती ही जा रही है। खासकर बढ़ती मृत्युदर चिंता का विषय है। उन्होंने भगवती नगर जम्मू में 500 बिस्तरों वाले अस्पताल की स्थापना में तेजी लाने के डीआरडीओ के प्रयासों की सराहना की। लेकिन इसमें भाजपा को राजनीतिक रोटियां सेकने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि जब भाजपा सत्ता में थी तो उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र की उपेक्षा की। इस समय भाजपा जो कर रही है, उसके राजनीतिक दिवालियेपन का सबूत है।
गुप्ता ने कहा कि इस महत्वपूर्ण समय पर वह मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करना चाहते हैं। लेकिन मूकदर्शक भी नहीं रह सकते। प्रशासन को लंबे-चौड़े दावे करने के बजाय महामारी से निपटने के लिए किए गए उपायों का खाका तैयार करना चाहिए। जम्मू को इस बात का जवाब चाहिए कि लोगों को ऑक्सीजन और दूसरी जरूरी सुविधाएं मौके पर क्यों नहीं मिल सकी। लोगों को प्रशासन द्वारा अपनाए गए उदासीन दृष्टिकोण के बारे में जवाब चाहिए।
गुप्ता ने विशेष रूप से दूर-दराज के स्थानों में ऑक्सीजन की कम उपलब्धता पर भी चिंता व्यक्त की और किश्तवाड़ और अन्य क्षेत्रों में गंभीर स्थिति का उल्लेख किया जहां मरीज प्रशासनिक उदासीनता के कारण मौत से जूझ रहे हैं। उन्होंने घबराए हुए लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र को पटरी पर लाने के लिए सभी संसाधनों को जुटाने की मांग की।
राज्य सचिव ने जम्मू प्रांत में ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना में देरी की जांच की मांग दोहराते हुए कहा कि खोखले बयानों से लापरवाही की गंभीरता कम नहीं होगी। उन्होंने कोविड मामलों में वृद्धि को देखते हुए रोगियों के लिए बिस्तरों की संख्या बढ़ाने की भी मांग की।