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Jammu: स्वतंत्रता के सारथी: कोरोना से बचाव के लिए गांव गांव जाकर लोगों में जगाई अलख

नरेंद्र सिंह चिब का कहना है कि जब संकट आ ही गया और इससे बचाव का रास्ता भी मालूम है। फिर इससे बचाव क्यों न किया जाए। यही कारण था कि मुझे गांव गांव जाकर लोगों को बताना पड़ा कि कोरोना स्वयं चलकर घर नही आता।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 11 Aug 2021 09:21 AM (IST)Updated: Wed, 11 Aug 2021 09:21 AM (IST)
Jammu: स्वतंत्रता के सारथी: कोरोना से बचाव के लिए गांव गांव जाकर लोगों में जगाई अलख
कोरोना महामारी के दौरान सामाजिक संस्था तवी वेल्फेयर सोसायटी ने लोगों को राहत देने के लिए अहम भूमिका निभाई।

जम्मू, जागरण संवाददाता: स्वतंत्रता दिवस के पर्व के नजदीक आते ही हमें वाे परवाने भी याद आ रहे हैं जिन्होंने बीते कठिन दौर में कोरोना से जंग जड़ी और लोगों को इस महामारी से बचाया। लोगों में जागरूकता की अलख जगाई। जरूरी सामान परेशान लोगों तक पहुंचाया। मास्क पहनना बताया । रायपुर सतवारी के नरेंद्र सिंह चिब का नाम ऐसे ही परवाने में है।

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बचपन से ही हादसे में उनको एक बाजू खोनी पड़ी। मगर हिम्मत उन्होंने नही हारी। आल यह शख्स स्कूल में लेक्चरर है और उतना ही सामाजिक कार्यकर्ता भी है। एक बाजू भले नही हो मगर उनमें साहस, हिम्मत, हौंसला दूसरे लोगों से दुगना है। पिछले साल जब कोरोना की दूसरी लहर ने जोर पकड़ा तो वहीं रायपुर सतवारी के निवासी नरेंद्र सिंह चिब ने भी अपनी जिम्मेदारी संभाल ली।

सरकारी तंत्र, सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर इन्होंने गांव गांव पहुंच कर लोगों को कोरोना से बचाव के बारे में जागरूक किया। आटो में सवार होकर माइक हाथ में लेकर निक्की तवी क्षेत्र के लोगों में हिम्मत जुटाई। उनको बताया कि कोरोना के दौर में उनको क्या क्या करना है। जागरूकता की इस मुहिम में उनके वाहन में हमेशा मास्क की उपलब्धता रहती। मार्ग में जो लोग बिना मास्क के नजर आते, उनको पहले ज्ञान की बातें सुनाई जाती और फिर मास्क उपलब्ध कराए जाते।

नरेंद्र सिंह चिब का कहना है कि जब संकट आ ही गया और इससे बचाव का रास्ता भी मालूम है। फिर इससे बचाव क्यों न किया जाए। यही कारण था कि मुझे गांव गांव जाकर लोगों को बताना पड़ा कि कोरोना स्वयं चलकर घर नही आता। इंसान ही लेकर आता है। इसलिए हमें घरों पर रहना है और कोरोना बचाव के नियमों का पालन करना है। नरेंद्र सिंह चिब जोकि मूलत मकवाल क्षेत्र से संबंधित हैं, का भरा परिवार है। उनके दो बच्चे हैं। उनका कहना है कि जिंदगी का दूसरा नाम ही लोगों की सहायता करना है। इसलिए मैं हमेशा सहायता करने के लिए तत्पर रहता हूं।

सरकारी तंत्र में रहकर भी की खूब सेवा: नरेंद्र सिंह चिब ने सरकारी तंत्र में रहकर भी खूब सेवा की। कोरोना के बचाव के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों में वह आगे रहे और सरकार का जरूरी साज सामान लोगों तक पहुंचाने में जुटे रहे। यहां तक कि प्रभावित लोगों तक जरूर राहत सामग्री पहुंचाने में भी इनकी अहम भूमिका रही।

तवी वेल्फेयर के जरिए लोगों तक पहुंचाया जरूरी सामान: कोरोना महामारी के दौरान सामाजिक संस्था तवी वेल्फेयर सोसायटी ने लोगों को राहत देने के लिए अहम भूमिका निभाई। नरेंद्र सिंह सिंह चिब जोकि इस सोसायटी के सक्रिय सदस्य भी है, ने सोसायटी के काम को भी आगे बढ़ाया। लोगों से आने वाली राहत सामग्री को जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के लिए नरेंद्र सिंह चिब ने दिन रात मेहनत की। एक समय था जब कोरोना का पूरा कहर था, हर आदमी अपने घरों में ही बंद था। इस दौर में भी नरेंद्र सिंह चिब फील्ड में नजर आए। इनके बारे में सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र महाजन का कहना है कि कोरोना काल में भी नरेंद्र सिंह चिब के कदम डगमाए नही। वही थमे नही और जहां जहां उसकी मदद की जरूरत रही, वह सबसे पहले पहुंचे।


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