Jammu: बेकसूर था मेरा भाई, पैसे होते तो उसे छुड़वा लेता
30 अक्टूबर को अरनिया पुलिस उसे पकड़ कर ले गई थी। उसके साथ पुलिस घर से साढ़े तीन लाख रुपये भी ले गई जो कुलदीप के कपड़े बेचकर कमाए थे। मैंने भी दो भैंसे बेची थी जिसके वे पैसे थे।कुलदीप की शादी की तैयारी चल रही थी।
जम्मू, जागरण संवाददाता: पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मरे कुलदीप राज के भाई जोगिंदर का कहना था कि उसका भाई बेकसूर था। पुलिस उसके खिलाफ एनडीपीएस का मामला नहीं बना पाई तो उसे दूसरे मामलों में फंसा दिया। जीएमसी में अपने भाई का शव लेने पहुंचे जोगिंदर ने बताय कि उसका भाई कपड़े बेचने का काम करता था।
30 अक्टूबर को अरनिया पुलिस उसे पकड़ कर ले गई थी। उसके साथ पुलिस घर से साढ़े तीन लाख रुपये भी ले गई जो कुलदीप के कपड़े बेचकर कमाए थे। मैंने भी दो भैंसे बेची थी, जिसके वे पैसे थे। जोगिंदर के अनुसार कुलदीप की शादी की तैयारी चल रही थी, जिसके चलते घर में कमरा भी बनाना था। उसी के लिए हमने पैसे जमा किए थे। जब वह अरनिया थाने में अपने भाई से मिलने गया, तो उसे मिलने नहीं दिया गया।
पुलिस कहती थी कि उसे शक के आधार पर उठाया गया है और जल्द ही उसे छोड़ दिया जाएगा। बाद में हमने वकील के माध्यम से उसे छुड़ाने का प्रयास किया, लेकिन उसे आरएसपुरा थाने भेज दिया गया। वहां भी उसे कुलदीप से मिलने नहीं दिया जाता था। जोगिंदर ने कहा कि मेरा भाई बेकसूर था। वह खुद नशा नहीं करता था। उसने बताया कि उनके पास अपने भाई को छुड़ाने के लिए पैसे नहीं थे। पैसे होते तो उसे छुड़ा लेता।
जोगिंदर ने पुलिस के उच्चाधिकारियों से हवालात में उसके हुई उसके भाई की मौत की जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के उच्च अधिकारी यदि मामले की निष्पक्ष जांच करवाएंगे तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। इसलिए वे मामले की निष्पक्ष जांच चाहते हैं।