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Coronavirus: पुणे के फिल्म निर्माता की मदद को आगे आया भद्रवाह का मुस्लिम परिवार

Coronavirus जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह में फिल्म की शूटिंग के लिए आए फिल्म निर्माता और उनकी टीम फंस गई। मुस्लिम परिवार ने उनकी मदद की।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 18 Apr 2020 08:18 PM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2020 08:18 PM (IST)
Coronavirus: पुणे के फिल्म निर्माता की मदद को आगे आया भद्रवाह का मुस्लिम परिवार
Coronavirus: पुणे के फिल्म निर्माता की मदद को आगे आया भद्रवाह का मुस्लिम परिवार

राज्य ब्यूरो, जम्मू। Coronavirus: हर तरफ कोरोना का खौफ और उस पर लॉकडाउन। ऐसे में यदि कोई घर से मीलों दूर फंस जाए तो उसका परेशान होना लाजिमी है। पुणे (महाराष्ट्र) से जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह में फिल्म की शूटिंग के लिए आए फिल्म निर्माता और उनकी टीम फंस गई। ऐसे में एक मुस्लिम परिवार ने न केवल उनकी मदद की बल्कि घर पर आसरा देकर पूरी देखभाल कर इंसानियत की मिसाल भी पेश की है। फिल्म निर्माता अभी भी उनके घर में हैं और लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे हैं।

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जम्मू संभाग का भद्रवाह इलाका अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है। इस क्षेत्र को मिनी कश्मीर भी कहते हैं। महाराष्ट्र के पुणे से एक फिल्म निर्माता नचीकेत गुटीकर अपनी टीम के साथ 15 मार्च को पहुंचे थे। वह एक वृत्तचित्र फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में आए थे। उनकी टीम के सदस्यों में शमीन कुलकर्णी, निनाद दत्तार शामिल थे। उन्होंने 25 मार्च को जम्मू से पुणे के लिए रवाना होना था, लेकिन कोरोना वायरस से उपजे हालात के चलते 24 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन हो गया। इससे नचीकेत गुटीकर व उनकी टीम वापस नहीं जा पाई। गुटीकर ने बताया कि हम परेशान थे, क्योंकि सब कुछ बंद हो गया था। होटल भी बंद कर दिए गए थे। भद्रवाह के गाठा गांव के एक मुस्लिम नजीम मलिक का परिवार हमारी मदद के लिए आगे आया। हमें अपने मकान में ठहराने की पेशकश की।

हम अपने आपको खुशकिस्मत मानते हैं कि ऐसे माहौल में हमें ठहराने के लिए किसी ने मदद की पेशकश की। हम तब से मलिक के घर में ही रह रहे हैं। यहां हमें पूरा अपने घर का माहौल ही नजर आ रहा है। मैंने इस तरह की मेहमानबाजी कहीं नहीं देखी। सही मायनों में यह वही कश्मीरियत है, जिसकी बातें हम अक्सर सुना करते थे।

ऐसे ही हमारे बच्चों की भी कोई दूसरे राज्य में मदद करेगा

भद्रवाह निवासी नजीम मलिक ने कहा कि उन्हें खुशी इस बात की है कि मौजूदा हालात में उन्हें किसी की मदद करने का मौका मिला है। हम यह सोचते हैं कि कल को अगर हमारे बच्चे किसी अन्य राज्य में फंस जाएं तो निश्चित तौर पर उनकी मदद के लिए कोई सामने आएगा। जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती, हमारे घर में मेहमान रह सकते हैं। हमें कोई दिक्कत नहीं है।

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