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बीएड कालेज और आयुर्वेद अस्पताल जम्मू के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर, जानिए क्या होंगे इसके लाभ

कोविड के बाद दुनिया को आयुर्वेद के महत्व का एहसास हुआ है। शिक्षकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे प्रशिक्षित हों और फिर स्वास्थ्य के विचार का प्रचार करें ताकि आयुष के माध्यम से स्वास्थ्य जागरूकता एक जन आंदोलन बन जाए।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 08:43 AM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 08:43 AM (IST)
बीएड कालेज और आयुर्वेद अस्पताल जम्मू  के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर, जानिए क्या होंगे इसके लाभ
आयुर्वेद और शिक्षा का मिश्रण प्राकृतिक जीवन जीने के विचार को लोकप्रिय बनाने में मदद करेगा।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। आयुष के सिद्धांतों और प्रथाओं के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल के विचार को बढ़ावा देने के लिए बीएड कालेज ने आयुर्वेद अस्पताल जम्मू के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। आयुष निदेशालय के तत्वावधान में हुए समझौते के लिए बीएड कालेज में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत संयोजक डा. राजिंदर कौर के औपचारिक भाषण से हुई। उन्होंने आधुनिक शैक्षिक पाठ्यक्रम में स्वास्थ्य शिक्षा के आयुष की प्रासंगिकता के बारे में जानकारी दी।

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कालेज की प्रिंसिपल डा. कुलविंदर कौर ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य एक-दूसरे के अभिन्न अंग हैं और अच्छे स्वास्थ्य की शुरुआत स्वस्थ प्रथाओं के बारे में उचित शिक्षा से होती है। कोविड के बाद, दुनिया को आयुर्वेद के महत्व का एहसास हुआ है। शिक्षकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे प्रशिक्षित हों और फिर स्वास्थ्य के विचार का प्रचार करें ताकि आयुष के माध्यम से स्वास्थ्य जागरूकता एक जन आंदोलन बन जाए। उन्होंने आयुष और शिक्षा की रणनीतिक साझेदारी में नेतृत्व की भूमिका के लिए निदेशक आयुष, डा मोहन सिंह को भी धन्यवाद दिया।

डा. वंदना डोगरा, चिकित्सा अधीक्षक आयुर्वेदिक अस्पताल, जम्मू ने उन क्षेत्रों पर प्रकाश डाला जिनमें आयुष निदेशालय और आयुर्वेदिक अस्पताल छात्र और शिक्षक समुदाय को आयुष सेवाएं प्रदान कर सकता है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद सभी उपचारों की जननी है और आयुर्वेद और शिक्षा का मिश्रण प्राकृतिक जीवन जीने के विचार को लोकप्रिय बनाने और हमारे जीवन की प्राचीन जड़ों की ओर वापस जाने में मदद करेगा। आयुष मेडिकल आफिसर डा. अरुण गुप्ता ने एमआेयू पर हस्ताक्षर करने के लिए दोनों पक्षों को बधाई दी।

उन्होंने आश्वासन दिया कि आयुष विभाग शिक्षकों और विद्यार्थियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नए शोध के माध्यम से हर संभव सहायता करेगा। कार्यक्रम में डा. अरुणा भट, डा. राजेश गुप्ता, डा. विष्णु भी मौजूद थे। एमएड छात्रा पायल शर्मा ने आयुष के महत्व पर अपने विचार रखे। प्रो. शालिनी राणा, डा. राजेंद्र कौर और ज्योति परिहार ने कार्यक्रम का संचालन किया। प्रो. शापिया शमीन ने धन्यवाद प्रस्ताव पढ़ा। इस मौके पर प्रो. कौशल मगोत्रा, डा. अनुराधा सेठ, डा. सुषमा बाला, डा. ताहिरा शाह, डा. शालिनी शर्मा, प्रो. रूबिना यासमीन, डा. दीप बंगोत्रा, प्रो. विनय लता, प्रो. सीमा कुमारी, प्रो. नीरज वर्मा और प्रो. सरीता डोगरा मौजूद थी।


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