Money Laundering Case: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में श्रीनगर ईडी कार्यालय में महबूबा के साथ पहुंची मां गुलशन नजीर
Money Laundering Case मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने महबूबा मुफ्ती के एक सहयोगी के कार्यालय में छापा मार तो उन्हें वहां से दो डॉयरियां बरामद की। उन डॉयरियों में प्रधानमंत्री राहत कोष में से कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन कर कुछ भुगतान किए जाने का उल्लेख मिला।
श्रीनगर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की मां गुलशन नजीर आज बुधवार को श्रीनगर स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पेश हुईं। उनके साथ महबूबा मुफ्ती भी हैं। सुबह 11.30 बजे के करीब ईडी कार्यालय पहुंची गुलशन नजीर से ईडी अधिकारी बातचीत कर रहे हैं।
अपको जानकारी हो कि ईडी ने गत माह महबूबा मुफ्ती की मां गुलशन नजीर को समन जारी कर 18 अगस्त से पहले ईडी के श्रीनगर स्थित कार्यालय में पेश होने को कहा था। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने जब महबूबा मुफ्ती के एक सहयोगी के कार्यालय में छापा मार तो उन्हें वहां से दो डॉयरियां बरामद की। उन डॉयरियों में प्रधानमंत्री राहत कोष में से कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन कर कुछ भुगतान किए जाने का उल्लेख मिला। ईडी ने जब मामले की ओर गहराई से जांच की तो कुछ लाख रुपये नजीर और अन्य लोगों के बैंक खातों में ट्रांसफर किए जाने के भी सबूत मिले। बताया जाता है कि उस दौरान जम्मू-कश्मीर में पीडीपी की ही सरकार थी। यह पूछताछ इसी मामले में की जा रही है।
इससे पहले ईडी ने 14 जुलाई को महबूबा मुफ्ती की मां गुलशन नजीर को अपने कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था। हालांकि महबूबा मुफ्ती ने इस सारी कार्रवाई पर हमेशा ही एतराज हताया है। उनका कहना है कि उनकी पार्टी जब से केंद्र सरकार के फैसलों का विरोध करती आ रही है, उसी दिन से उनसे जुड़े लोगों चाहे वे उनकी पार्टी के नेता हों या फिर परिवार को इसी तरह समन भेज परेशान कियाा जा रहा है।
आपको यह जानकारी भी हो कि ईडी ने जब गुलशन नजीर को समन जारी कर 14 जुलाई को कार्यालय में पेश होने के निर्देश दिए थे जब महबूबा मुफ्ती ने समन अपने ट्वीटर हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि ईडी ने मेरी मां को अज्ञात आरोपों में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए तलब किया है। राजनीतिक विरोधियों को डराने की कोशिश के तहत भारत सरकार वरिष्ठ नागरिकों तक को नहीं बख्श रही है। एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) और ईडी जैसी एजेंसियां अब बदला लेने का औजार बन गई हैं।