Money Laundering: जेके बैंक ने नियमों को ताक पर रखकर दिया था 227 करोड़ रुपये का कर्ज
जम्मू कश्मीर बैंक की दिल्ली के असंल प्लाजा बैंक शाखा की तत्कालीन मैनेजर रजनी सर्राफ ने इतना बड़ा कर्ज देने से मना कर दिया था। जम्मू कश्मीर बैंक के चेयरमैन के पास भी इतनी बड़ी राशि को मंजूर करने की अनुमति नहीं होती है।
जम्मू, अवधेश चौहान: एंबियंस समूह से जुड़े 800 करोड़ रुपये के कथित बैंक ऋण फर्जीवाड़ा और मनी लांड्रिंग मामले में जम्मू कश्मीर (जेके) बैंक से भी नियमों को ताक पर रखकर 227 करोड़ रुपये का कर्ज जारी किया गया था और फिर जान-बूझकर उसे एनपीए होने दिया गया। 2019 में जम्मू कश्मीर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी)की जांच में यह फर्जीवाड़ा सामने आया था और श्रीनगर में इस पर एफआइआर भी दर्ज की गई थी। अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इसकी जांच रहा है।
सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में ईडी जम्मू कश्मीर बैंक के तत्कालीन चैयरमेन हसीब द्राबू से लेकर उनके अधीनस्थ रहे परवेज अहमद से भी पूछताछ कर सकती है। फिलहाल, एंबियंस समूह के चेयरमैन राजसिंह गहलोत को ईडी ने गिरफ्तार कर सात दिन की रिमांड पर ले रखा है। मार्च 2021 में जम्मू कश्मीर की एसीबी द्वारा अदालत में दायर चार्जशीट इस फर्जीवाड़े की पूरी साजिश का खुलासा करती दिखती है।
सूत्रों के अनुसार, जम्मू कश्मीर बैंक की दिल्ली के असंल प्लाजा बैंक शाखा की तत्कालीन मैनेजर रजनी सर्राफ ने इतना बड़ा कर्ज देने से मना कर दिया था। जम्मू कश्मीर बैंक के चेयरमैन के पास भी इतनी बड़ी राशि को मंजूर करने की अनुमति नहीं होती है। चेयरमैन को 10 करोड़ से अधिक का कर्ज मंजूर करने का अधिकार नहीं है। फिर भी बोर्ड आफ डायरेक्टर ने मिलकर 227 करोड़ की राशि को मंजूरी दे दी। वर्ष 2019 में एंटी करप्शन ब्यूरो ने श्रीनगर में राज सिंह गहलोत की अमन हास्पिटेल्टी प्राइवेट लिमिटेड के अलावा जम्मू कश्मीर बैंक की अंसल प्लाजा शाखा के प्रबंधकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। सूत्रों के अनुसार, जेके बैंक प्रबंधन ने गहलोत से वन टाइम सेटलमेंट भी कर ली लेकिन गहलोत इस रकम को देने के लिए भी तैयार नहीं हुआ।
इस तरह हुआ घोटाला: चार्जशीट के अनुसार बैंक ने एएचपीएल को 100 करोड़ की पहली किस्त जारी की थी। जांच में पता चला कि 100 करोड़ में से 35 करोड़ रुपये की राशि को एएचएल के प्रबंध निदेशक ने अपने साथियों और जम्मू कश्मीर बैंक के कुछ लोगों के साथ मिलीभगत के जरिए फर्जी कंपनियों के खातों में जमा किया और फिर उसे डकार लिया।
क्या है पूरा मामला: एंबियंस ग्रुप के चेयरमैन राज सिंह गहलोत ने 800 करोड़ रुपये की लागत से दिल्ली के शाहदरा में फाइव स्टार होटल बनाने के लिए जम्मू कश्मीर बैंक सहित कुल छह राष्ट्रीयकृत बैंकों से समझौता किया था। इसमें यह शर्त थी कि गहलोत की कंपनी अमन हॉस्पिटेल्टी प्राइवेट लिमिटेड में 300 करोड़ रुपये खुद के डालेगा और बाकी की 500 करोड़ की राशि बैंक देंगे। उसमें से जम्मू कश्मीर बैंक बतौर लीड बैंक के तौर पर सबसे अधिक 272 कर्ज देने वाला बैंक था। दिल्ली की असंल प्लाजा बैंक की शाखा से यह कर्ज जारी हुआ था।
कर्जा देने वाले अन्य बैंकों में पंजाब नेशनल बैंक, यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया, यूनाइटेड बैंक, सिडिकेट बैंक, इंडियन बैंक शामिल थे। गहलोत ने फाइव स्टार होटल तो नहीं बनाया लेकिन उसकी राशि को अपनी कंपनियों में अन्य कार्यों में लगा दिया। बीते वर्ष जुलाई में ईडी ने दिल्ली में अमन हास्पिटेल्टी प्राइवेट लिमिटेड के अलावा एंबियंस समूह के डायरेक्टर दयानंद, मोहन सिंह गहलोता और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर छापे मारे थे।