Move to Jagran APP

Kashmir: ...आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है, घर में ही तैयार कर डाला ऑक्सीजन कंसेनट्रेटर्स

उत्तरी कश्मीर में आतंकियों का गढ़ कहलाने वाला बांडीपोर प्रदेश के पिछड़े जिलों में गिना जाता है। माेहम्मद इस्माइल की यह कोई पहली उपलब्धि नहीं है। पिछले साल उन्होंने एक वेंटिलेटर का प्रोटोटाइप तैयार किया था। सेनेटाइजेशन टनल भी बनाई थी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 11:42 AM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 01:56 PM (IST)
Kashmir: ...आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है, घर में ही तैयार कर डाला ऑक्सीजन कंसेनट्रेटर्स
इसमें जो सामान इस्तेमाल किया गया है, वह यहीं बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाता है।

श्रीनगर, नवीन नवाज। आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है। यह बात बांडीपोर के बुजुर्ग अविष्कारक मोहम्मद इस्माइल ने सिद्ध कर दी है। कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के साथ जहां अस्पतालों में ऑक्सीजन कंसेनट्रेटर्स की कमी परेशानी का सबब बनी हुई है, वहीं इस संकट को हल करने का प्रयास करते हुए मोहम्मद इस्माइल ने ऑक्सीजन कंसेनट्रेटर का प्रोटोटाइप तैयार कर लिया है। यह सस्ता, टिकाऊ और विश्वसनीय बताया जा रहा है। अगर किसी फैक्टरी में बड़े पैमाने पर इसे तैयार किया जाए तो यह सात से आठ हजार रुपये में मिलेगा। यह दावा खुद मोहम्मद इस्माइल करते हैं। बाजार में ऑक्सीजन कंसेनट्रेटर लगभग 40 हजार रुपये में मिल रहा है।

loksabha election banner

उत्तरी कश्मीर में आतंकियों का गढ़ कहलाने वाला बांडीपोर प्रदेश के पिछड़े जिलों में गिना जाता है। माेहम्मद इस्माइल की यह कोई पहली उपलब्धि नहीं है। पिछले साल उन्होंने एक वेंटिलेटर का प्रोटोटाइप तैयार किया था। सेनेटाइजेशन टनल भी बनाई थी। दैनिक जागरण के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि मैंने अपनी कार्यशाला अपने घर में ही बना रखी है। मैं अकसर मशीनों को देखकर यह सोचता हूं कि इन्हें कैसे बेहतर बनाया जा सकता है। ऑक्सीजन कंसेनट्रेटर के बारे में उन्होंने बताया कि इसमें जो सामान इस्तेमाल किया गया है, वह यहीं बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाता है। उन्होंने कुछ पुरानी बोतलें भी इस्तेमाल की हैं। इसमें इस्तेमाल जियाेलाइट को मैंने पिछले साल बाजार से खरीदा था। 

मोहम्मद इस्माइल ने बताया कि मूल सिद्धांत एक ही रहता है, बस हम उसमें अपनी सोच और मेहनत से कुछ सुधार कर सकते हैं। यह कंसेनट्रेटर किसी भी रोगी को दी जाने वाली ऑक्सीजन की गति को भी नियंत्रित करता है। यह फिलहाल, एयर बेस्ड है। मैं अब वाेटर बेस्ड कंसेनट्रेटर भी तैयार कर रहा हूं। जल्द ही वह भी तैयार होगा। उसमें पानी में उपलब्ध ऑक्सीजन को सोखने, जमा करने और उसे रोगी को प्रदान करने की सुविधा होगी।

उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास रहता है कि जो भी चीज बनाऊं, उसे इस्तेमाल करने वाला किसी दूसरे पर निर्भर न हो। मैंने पिछले साल जो वेंटिलेटर बनाया था, वह स्वचालित है। उसे इस्तेमाल करने के लिए रोगी के पास किसी तीमारदार की जरुरत नहीं है। ऑक्सीजन कंसेनट्रेटर बनाने का ख्याल मुझे महाराष्ट्र और दिल्ली में ऑक्सीजन गैस सिलेंडर व कंसेनट्रेटर के लिए मारामारी की खबरों को देखकर आया था।

1977 में एक स्थानीय रेडियो स्टेशन तैयार करने वाले मोहम्मद इस्माइल ने कहा कि कोरोना संक्रमण का दौर है। लोग मरीज के पास नहीं जाना चाहते। इसलिए मैंने अपने कंसेनट्रेटर में इस बात का ध्यान रखा है कि यह बिना तीमारदार वाले मरीज के लिए भी यह सुविधाजनक बना रहे। मोहम्मद इस्माइल के छोटे बेटे सुहैल ने कहा कि 2019 में मेरे बड़े भाई डॉ. जमशीद की मौत के बाद पापा ने खुद को अपनी मशीनाें के साथ ही ज्यादा व्यस्त रखा है। वह रोज कोई न काेई नया आइडिया लेकर बैठ जाते हैं। हमें सुनाते हैं कि ऐसा किया जा सकता है। ऐसा किया जाना चाहिए। अब उन्होंने कंसेनट्रेटर तैयार किया है। पहले हमें लगा कि यह क्या तारों और प्लास्टिक की बोतलों का जाल तैयार किया है, जब इसका काम देखा तो समझ आया। हमारे इलाके के कुछ इंजीनियर और डॉक्टर भी इसकी जांच करने आए थे, वे बहुत खुश हुए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.