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न ही आइजी ट्रैफिक और न ही मिनीबस चालकों को पसंद है वर्दी

जागरण संवाददाता, जम्मू : डीजीपी के आदेश के बाद भी बिना वर्दी के ही ड्यूटी करने वाले आइजी

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Mar 2018 03:11 AM (IST)Updated: Thu, 08 Mar 2018 03:11 AM (IST)
न ही आइजी ट्रैफिक और न ही मिनीबस चालकों को पसंद है वर्दी
न ही आइजी ट्रैफिक और न ही मिनीबस चालकों को पसंद है वर्दी

जागरण संवाददाता, जम्मू : डीजीपी के आदेश के बाद भी बिना वर्दी के ही ड्यूटी करने वाले आइजी ट्रैफिक बसंत रथ की तरह ही जम्मू शहर में मिनीबसें चलाने वाले चालकों को भी वर्दी पसंद नहीं है। हालांकि, मोटर व्हीकल एक्ट के तहत न तो बिना वर्दी के कोई अधिकारी वाहनों की जांच कर सकता है और न ही कॉमर्शियल वाहनों का चालक बिना वर्दी गाड़ी चला सकता है, लेकिन जम्मू शहर की सड़कों पर ऐसा ही हो रहा है।

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मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अगर दोनों मामलों में ऐसा होता है तो इसे मोटर व्हीकल एक्ट की अवेहलना माना जाएगा। सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट 1989 की धारा 77 के तहत कॉमर्शियल वाहन चालकों के लिए खाकी वर्दी पहनना अनिवार्य है। ऐसा इसलिए किया गया ताकि बसों, मिनीबसों आदि वाहनों में चालकों, सहचालकों की पहचान संभव हो सके और उन्हें यात्रियों की प्रताड़ना से रोका जा सके। जम्मू कश्मीर में भी दिसंबर 2012 और जनवरी 2013 में इस संदर्भ में आदेश जारी किए और चालकों को खाकी के अलावा नीले रंग की कमीज व पैंट पहनने के आदेश जारी किए गए। सिर्फ चालक ही नहीं बल्कि कॉमर्शियल वाहनों के साथ चल रहे सहचालकों के लिए भी वर्दी पहनना अनिवार्य किया गया है, लेकिन जम्मू शहर में अब तक इस नियम को कोई भी अधिकारी लागू नहीं करवा पाया है। इस नियम के दायरे में सिर्फ मिनीबस चालक ही नहीं, बल्कि बस, ऑटो, टैक्सी, लोड कैरियर, ट्रक चालक आदि भी आते हैं, लेकिन जम्मू शहर की सड़कों में कॉमर्शियल वाहनों के चालक वर्दी में नहीं दिख पाते।

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मिनीबसों का शहर

पर अवैध कब्जा

शहर के विभिन्न चौक चौराहों में मिनीबसों के रुकने के लिए पैसेंजर शेड तो बने हैं, लेकिन मिनीबस चालक मनमर्जी से जहां भी मन करता है, वहां वाहनों को रोक कर यात्रियों को उतारते-चढ़ाते हैं। ऐसे में सड़कों पर अकसर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

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परिचर्चा

वर्दी पहनकर गाड़ी चलाने में मिनीबस चालकों को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। इससे लोगों को भी चालक की पहचान आसानी से हो जाएगी और चालक में भी जिम्मेदारी की भावना पैदा होगी।

विशु

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उम्मीद है कि आइजी बसंत रथ इस पर जरूर कार्रवाई करेंगे। शहर वासियों को उनसे बहुत उम्मीदें हैं। वह पहले यातायात को सुचारू बनाने में लगे हैं और इसके बाद वह मिनीबस चालकों को भी वर्दी पहनाकर ही रहेंगे।

अश्विनी शर्मा

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मिनीबस चालकों की मनमर्जी कोई रोक नहीं सकता। आइजी बसंत रथ के कारण उन्होंने स्टॉप पर गाड़ियों को खड़ा करना तो शुरू कर दिया है लेकिन वे वर्दी पहनेंगे, यह संभव नहीं लगता।

विनोद शर्मा

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पहले भी कई बार मिनीबस, ऑटो चालकों के लिए वर्दी पहनने के आदेश जारी हो चुके हैं लेकिन उसका असर कहीं दिखा नहीं। देखते हैं नए आइजी इस पर कैसे अमल करवाते हैं।

सकुल महाजन


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