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कश्मीर में तैनात सैन्याधिकारी-कर्मी अब कश्मीर में ही प्राप्त कर सकेंगे उच्च शिक्षा, कश्मीर यूनिवर्सिटी और सेना के बीच हुआ एमओयू

एमओयू के मुताबिक कश्मीर घाटी में तैनात सैन्याधिकारियों और सैन्यकर्मियों के लिए छह माह के सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर एक साल का डिप्लोमा पाठ्यक्रम और दो वर्षीय पीजी पाठ्यक्रम की सुविधा केयू प्रदान करेगा।फिलहाल केयू में सैन्याधिकारियों व कर्मियों के लिए 18 पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Mon, 08 Nov 2021 07:11 PM (IST)Updated: Mon, 08 Nov 2021 07:11 PM (IST)
सेना की 15वीं कोर और केयू के बीच आपसी सहमति का समझौता (एमओयू) औपचारिक रुप से तय हो गया है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक कश्मीर घाटी में तैनात सैन्याधिकारियों और सैन्यकर्मियों को अब केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश से बाहर जाने की जरुरत नहीं है। अब वह कश्मीर यूनिवर्सिटी (केयू) के माध्यम से उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। सेना की 15वीं कोर और केयू के बीच इस संदर्भ में सोमवार को एक आपसी सहमति का समझौता (एमओयू) औपचारिक रुप से तय हो गया है। केयू दूरस्थ शिक्षा पाठयक्रमों में सैन्याधिकारी और सैन्यकर्मी दाखिला प्राप्त कर सकते हैं।

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चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय और केयू के उपकुलपति प्रो तलत अहमद ने आज क्रमश: सेना व केयू प्रशासन की तरफ से एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। एमओयू के मुताबिक, कश्मीर घाटी में तैनात सैन्याधिकारियों और सैन्यकर्मियों के लिए छह माह के सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर एक साल का डिप्लोमा पाठ्यक्रम और दो वर्षीय पीजी पाठ्यक्रम की सुविधा केयू प्रदान करेगा।

फिलहाल, केयू में सैन्याधिकारियों व कर्मियों के लिए 18 पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। समयानुसार और आवश्यक्तानुरुप इन पाठ्यक्रमों की संख्या को बढ़ाया जाएगा। प्रो तलत अहमद ने एमओयू पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा कि यह ऐतिहासिक पल है। यह समझौता कश्मीर में तैनात सैन्याधिकारियों और सैन्यकर्मियों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित होगा।सेना की 15वीं कोर जिसे चिनार कोर भी कहते हैं, के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय ने कहा कि सैन्याधिकारियों और सैन्यकर्मियों की शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर है। यह सुविधा जम्मू कश्मीर के अत्यंत चुनौतिपूर्ण वातावरण में अपना कर्तव्य निवाह कर रहे सैन्याधिकारियों व कर्मियों को और ज्यादा सशक्त बनाएगाी।

उन्होंने कहा कि मानवजाति के विकास और किसी भी राष्ट्र व समाज के विकास की नींव शिक्षा ही होती है। कश्मीर यूनिवर्सिटी उच्च शिक्षा के क्षेत्र में देश के अग्रणी संस्थानों में एक है। इसकी फैक्युलिटी देश-विदेश में प्रतिष्ठित है। केयू के साथ हुए समझौते के तहत चिनार कोर के कर्मियों केा उच्च शिक्षा प्राप्त करने, विभिन्न विषयों में विशेषज्ञता प्राप्त करने,अनुसंधान करने में मदद मिलेगी। कोर कमांडर ने कहा कि चिनार कोर और कश्मीर यूनिवर्सिटी में यह समझौता आम कश्मीरी अवाम और सेना के बीच संवाद-समन्वय-सहयोग और आपसी संबंधों केा और ज्यादा मजबूत बनाएगा। एमओयू के मुताबिक, अंग्रेजी,उर्दू, शिक्षा में दो वर्षीय पीजी डिग्री, कंप्यूटर एप्लीकेशन्स और वेब डिजाइनिंग में पीजी डिप्लोमा, साईबर ला में पीजी डिप्लोमा, पर्यटन प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा जैसे पाठयक्रमों में सैन्याधिकारी व सैन्यकर्मी दूरस्थ शिक्षा माध्यम के जरिए दाखिला प्राप्त कर सकते हैं, पढ़ाई कर सकते हैं। 


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