Militancy in Kashmir: हर आंख थी नम, आतंकी क्रूरता पर था आक्रोश; परिवार बोला- दोषियों को मिले कड़ी सजा
उस समय हर किसी की आंखें नम हो उठीं। दोपहरबाद दिवंगत सतपाल का अंतिम संस्कार कर दिया गया। क्षेत्रवासी मोहम्मद यासीन ने कहा कि सतपाल जी को श्रीनगर में हर मान सम्मान देता था। उनकी किसी से दुश्मनी नहीं थी।
श्रीनगर, संवाद सहयोगी: नए साल के पहले दिन श्रीनगर में हर आंख नम थी। हर कोई आतंकियों की क्रूरता की निंदा कर रहा था। विरोध स्वरूप दुकानें भी बंद थीं। शुक्रवार सुबह जब अस्पताल से पोस्टमार्टम करने के बाद बुजुर्ग ज्वेलर सतपाल निश्चिल के शव को घर लाया गया तो कोहराम मच गया। दिवंगत की पत्नी, बेटे और परिवार के अन्य सदस्य बेसुध थे। रिश्तेदार और मोहल्ले के लोग शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दे रहे थे। वहीं पीडि़त परिवार का कहना है कि इस कायरता के लिए आतंकियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
सतपाल निश्चिल कई वर्षों से कश्मीर में रहकर ज्वेलर का कारोबार कर रहे थे। हालात बिगडऩे के बाद भी वे कश्मीर में ही डटे रहे। लाल चौक के हरि सिंह हाई स्ट्रीट उनकी ज्वेलर की दुकान है। वह प्रख्यात ज्वेलर में गिने जाते थे। उनके तीन बेटे विवाहित हैं। उनकी भी ज्वेलर की दुकानें हैं। शाम को 62 वर्षीय सतपाल की हत्या के बाद क्षेत्र में दुकानें बंद कर दुकानदारों में रोष था। वीरवार शाम को वारदात के बाद सतपाल के घर पर सांत्वना देने वालों की भीड़ जुटने शुरू हो गई थी।
परिवार का हाल बेहाल था। शाम से सुबह मोहल्ले वाले ही शोकसंतप्त परिवार का संभाल रहे थे। शुक्रवार सुबह अस्पताल से सतपाल के शव को घर लाया गया तो उनकी पत्नी बार-बार बेसुध हो रही थी। बेटों का भी रो-रो कर बुरा हाल था। दोपहर को पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने लगा तो माहौल भावुक हो उठा।
उस समय हर किसी की आंखें नम हो उठीं। दोपहरबाद दिवंगत सतपाल का अंतिम संस्कार कर दिया गया। क्षेत्रवासी मोहम्मद यासीन ने कहा कि सतपाल जी को श्रीनगर में हर मान सम्मान देता था। उनकी किसी से दुश्मनी नहीं थी।