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Militancy in Kashmir: बुरहान वानी का ममेरा भाई लापता, आतंकी संगठन में शामिल होने की आशंका

Militancy in Kashmir पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उसका पता लगाने के लिए हर संभव जगह तलाश की जा रही है। उसके फेसबुक अकाऊंट की भीजांच की जा रही है। उसके मोबाइल फोन के डाटा की भी जांच की जा रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 27 Mar 2021 09:51 AM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 10:11 AM (IST)
Militancy in Kashmir: बुरहान वानी का ममेरा भाई लापता, आतंकी संगठन में शामिल होने की आशंका
बुरहान वानी को आतंकी बनाने में आदिल का ही सबसे ज्यादा हाथ था।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : हिजबुल मुजाहिदीन के मारे जा चुके पोस्टर ब्वाय बुरहान वानी का ममेरा भाई अपने घर से लापता हो गया है। बताया जा रहा है कि वह आतंकियों से जा मिला है। उसके दो बड़े भाई भी हिजबुल के आतंकी थे। कश्मीर में इस वर्ष अब तक करीब 25 युवक घरों से गायब होकर आतंकियों से जा मिले हैं। बुरहान वानी जुलाई, 2016 में अपने एक साथी संग मुठभेड़ में मारा गया था। उसकी मौत के बाद कश्मीर में करीब चार माह तक हिंसक प्रदर्शन और सिलसिलेवार बंद का दौर चला था।

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अवंतीपोरा के डाडसर त्राल का रहने वाला बुरहान वानी का ममेरा भाई काशिफ मीर (16) पुत्र बशीर अहमद मीर 20 मार्च को अचानक ही अपने घर से लापता हो गया। वह 11वीं कक्षा का छात्र है। उसका पता लगाने के लिए परिजनों ने उसके सभी दोस्तों से पूछताछ की। रिश्तेदारों के पास भी तलाशा, लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसके बाद उन्होंने पुलिस में लापता होने की शिकायत दर्ज कराई है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उसका पता लगाने के लिए हर संभव जगह तलाश की जा रही है। उसके फेसबुक अकाऊंट की भी जांच की जा रही है। उसके मोबाइल फोन के डाटा की भी जांच की जा रही है। हालांकि, पुलिस ने उसके आतंकी बनने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन स्थानीय सूत्रों ने उसके आतंकी संगठन में शामिल होने की आशंका जताई है। उसके दो भाई नईम बशीर और आदिल बशीर हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी थे। आदिल हिजबुल का डिवीजनल कमांडर था और उसका कोड गाजी सरफराज था। वह 2014 में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। नईम बशीर भी हिजबुल के नामी कमांडरों में एक था और वह 2010 में मारा गया था।

बुरहान वानी को आतंकी बनाने में आदिल का ही सबसे ज्यादा हाथ था। आदिल ने ही त्राल, अंवतीपोरा और पुलवामा के अलावा अनंतनाग में हिजबुल मुजाहिदीन के नेटवर्क को मजबूत बनाया था। जाकिर मूसा को भी उसने ही भर्ती किया था। आदिल ने ही सुरक्षाबलों से हथियार लूटने के लिए स्थानीय आतंकियों को तैयार किया था। वह किसी भी नए युवक को आतंकी संगठन में भर्ती करने से पहले उसे हथियार लूटने या फिर सुरक्षाबलों पर हमले का जिम्मा सौंपता था। 


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