सिपाही और बंदूक ही कश्मीर में भारत की पहचान नहीं : महबूबा
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि राज्य में सिपाही और बंदूक ही भारत की पहचान नहीं है। भारत को अपना उदार चेहरा दिखाना चाहिए।
By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 10:44 AM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 10:44 AM (IST)
जम्मू, राज्य ब्यूरो। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि राज्य में सिपाही और बंदूक ही भारत की पहचान नहीं है। भारत को अपना उदार चेहरा दिखाना चाहिए। देश के लोकतांत्रिक मूल्य, सहिष्णुता और धार्मिक सदभाव पहचान हैं। यही असहिष्णुता को समाप्त कर सकते हैं।
पट्टन, शोपियां और कुलगाम से आए पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा कि ताकत और राजनीतिक पैचवर्क से समस्या का समाधान नहीं होगा। यह हथकंडे राज्य में शांति बहाल करने में विफल रहे हैं। कश्मीर में ताकत से कोई सकारात्मक बदलाव नहीं आया है।
विडंबना यह है कि कई लोग इन्हीं हथकंडों को अपना रहे हैं। इनका कश्मीर में कोई भी असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि नफरत और असहिष्णुता को समाप्त करने के लिए विचारधाराओं में विरोध होने के बावजूद देश के राजनीतिक नेतृत्व को आगे आना चाहिए।
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