कठुआ कांड के आरोपित सब इंस्पेक्टर को जमानत पर रिहा किए जाने पर महबूबा को एतराज
महबूबा मुफ्ती ने कहा ऐसा लगता है कि न्यायरथ के पहिएये पूरी तरह धवस्त हो चुके हैं। वर्ष 2018 में कठुआ जिले के रसाना में गुज्जर समुदाय की एक नाबालिग लड़की रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गई थी। बाद में उसका शव मिला था।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री ने कठुआ कांड के एक आरोपित को अदालत द्वारा जमानत पर रिहा किए जाने पर कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने कहा ऐसा लगता है कि न्यायरथ के पहिएये पूरी तरह धवस्त हो चुके हैं। वर्ष 2018 में कठुआ जिले के रसाना में गुज्जर समुदाय की एक नाबालिग लड़की रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गई थी। बाद में उसका शव मिला था। उसकी तथाकथित सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोप लगा और यह मामला जम्मू कश्मीर में ही नहीं देश भर में सुर्खियां बना था।
Perturbed that the policeman convicted for destroying evidence in Kathua case was granted bail & his jail term suspended. When a child 'molastation' & bludgeoned to death is deprived of justice, it becomes obvious that the wheels of justice have completely collapsed. https://t.co/hlCPyDaeBu
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 25, 2021
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने 21 दिसंबर को इस मामले में एक बर्खास्त पुलिस सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता की कारावास की सजा को निलंबित करते हुए उसे जमानती बांड के आधार पर रिहा करने का आदेश दिया। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती ने आनंद दत्ता की जमानत पर कड़ा एतराज जताते हुए अपने टवीटर हैंडल पर लिखा है कि कठुआ कांड में सुबूतों नष्ट करने के दोषी पुलिसकर्मी को जमानत दिए जाने और उसकी सजा को निलंबित किए जाने की खबर परेशान करने वाली है। दुष्कर्म के बाद कत्ल की गई बच्ची को न्याय से वंचित किए जाने मतलब है न्यायचक्र पूरी तरह से ठप हो गया है।
ज्ञात रहे कि चार दिन पूर्व ही पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बहुचर्चित रसाना मामले में सबूतों को नष्ट करने के लिए दोषी ठहराए गए सब इंस्पेक्टर आनंद दित्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसकी सजा को निलंबित करने का आदेश जारी किया। दरअसल, पठानकोट जिला अदालत ने जून, 2019 को इस मामले में आठ में से सात लोगों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई थी। इसके बाद आनंद दत्ता ने सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। उसने सजा निलंबित करने की मांग को लेकर भी याचिका दायर की थी।