Kashmir : महबूबा मुफ्ती का पाकिस्तान से प्रेम बरकरार, कहा-कश्मीर को पड़ोसी मुल्कों के साथ जंग का नहीं बल्कि दोस्ती का पुल बनाया जाए
कश्मीरियों की पहचान और सम्मान के लिए लड़ने का दावा करने वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती का पाकिस्तान प्रेम बरकरार है। उन्होंने कहा कि कश्मीर को पड़ोसी मुल्कों के साथ जंग का नहीं बल्कि दोस्ती का पुल बनाया जाए ।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो । कश्मीरियों की पहचान और सम्मान के लिए लड़ने का दावा करने वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती का पाकिस्तान प्रेम बरकरार है। उन्होंने एक बार फिर कश्मीर में पाकिस्तान की भूमिका को सुनिश्चित करने के इरादे से मंगलवार को कहा कि कश्मीर को पड़ोसी मुल्कों के साथ जंग का नहीं बल्कि दोस्ती का पुल बनाया जाए । एक दिन केंद्र सरकार को यही फार्मूला अपनाना पड़ेगा। वह आज यहां पीडीपी की युवा इकाई के नेताओं व कार्यकर्ताओं की एक बैठक के बाद पत्रकारों के सवालों काजवाब दे रही थी। वह इस अवसर पर अपने सियासी एजेंडे को पूरा करने के लिए युवाओं को भड़काने से भी बाज नहीं आयी।
उल्लेखनीय है कि चार अगस्त 2019 के बाद आज पहली बार महबूबा मुफ्ती ने युवा इकाई के नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की है। इसमें उन्होंने युवा कार्यकर्ताओं से एक लंबी लड़ाई के लिए पूरी तरह तैयार रहने काा आह्वान करते हुए कहा कि हमें आम आदमी को बताना है कि किस तरह से केंद्र सरकार ने उसकी पहचान,वजूद और हकूक पर डाका डाला है। वादी के विभिन्न हिस्सों सेआए युवा कार्यकर्ताआओ से उन्होंने बीते एक साल के हालात पर उनके राय ली। उनसे विभिन्न मुददों पर चर्चा की ।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में महबूबा मुफती ने कहा कि पीडीपी का हमेशा स ही एक एजेंडा रहा है कि हिंदोस्तान के सभी हमसाया मुल्कों के बीच जम्मू कश्मीर एक जंग का कारण बनने के बजाय अमन और दोस्ती का पुल बनना चाहिए।हमारा हमसाया मुल्क चाहे पाकिस्तान हो या फिर चीन जो लददाख में एलएसी पार कर अदंर आया है, के साथ दोस्ती के लिए जम्मू कश्मीर दोस्ती का एक पुल बनना चाहिए। उन्होंन अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री स्व मुफ्ती माेहम्मद सईद का जिक्र करते हुए कहा कि मुफ्ती साहब का ख्वाब रहा है कि जम्मू कश्मीर का हिंदुस्तान और हमसाया मुल्कों के बीच एक पुल बनान हाेगा। मुझे यकीन है आने वाले समय में मरकजी में सरकार को मसला कश्मीर हल करने के लिए यही फार्मूला अपनाना होगा।
डोमिसाइल, भूमि कानूनों और 22 साल पर सरकारी कर्मियों की सेवानिवृत्ति से जुढ़े मुद्दों पर चर्चा की है
उन्होंने बैठक के संदर्भ में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए बताया कि बीते एक साल के हालात पर बातचीत हुई है। जम्मू कश्मीर के अवाम पर बीते एक साल से मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है, केंद्र सरकार की नीतियां जम्मू कश्मीर के खिलाफ रही हैं। हमने डोमिसाइल, भूमि कानूनों और 22 साल पर सरकारी कर्मियोंकी सेवानिवृत्ति से जुढ़े मुद्दों पर चर्चा की है। पहले जो कानून बनाए गए थे उनके लिए जनता से सलाह ली गई थी और वे जनता को सहूलियत देने वाले कानून थे। लेकिन अब जो कानून कश्मीरियों पर थोपे जा रहे हैं उनसे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और हम इसे कतई नहीं बर्दाश्त करेंगे। यहां जिस गैरकानूनी तरीके से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाया गया है, वह कश्मीरियों को दी गई संवैधानिक गारंटी के खिलाफहै। हमने युवाओं को बताया कि आज हमारी लड़ाई कुर्सी के लिए नहीं बल्कि कश्मीर के मान-सम्मान, वजूद आैर हकूक के लिए है।
महबूबा ने कहा कि आज हमारे नौजवानों का ,हमारी आने वाली नस्लों का मुस्तकबिल खतरे में है। ।हमने अपना जीवन जिया .... अब हमें युवाओं और उनके बच्चों के बारे में सोचना होगा। हम अपने नौजवानों के,अपन बच्चों के मुस्तकबिल को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
युवाआें को अपना हथियार बनाने की पुष्टि करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पीडीपी ने कई लड़ाईयां लड़ी हैं। हमने यहां सरेंडर करने वाले आतंकियों की कथितज्यादतियों का मुकाबला किया, पोटा जैसे कानूृन के खिलाफ लड़े हैं। हमने पुलिस की टास्कफोर्स का भी मुकाबला किया है। आज हमारी लड़ाई जम्मू कश्मीर की इज्जत,पहचान और वजूद के लिए है जो नई दिल्ली ने हमसे पांच अगस्त 2019 को छीना है। इसके साथ ही कश्मीर मसले का हल भी हमारा मुख्य एजेंडा हैं। मैं खुद इस लड़ाई में आगे चलूंगी और मेरे साथ मेरे यह नौजवान बच्चे भी पीछे पीछे चलेंगे। हम डरेंगे नहीं आैर न पीछे हटेंगेे।