Mehbooba Mufti on Twitter: महबूबा का ट्वीट- 'नये कश्मीर' में अब राजनीतिक मामलों में भी नौकरशाही अपना हुकम सुनाने लगे
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने साेमवार को प्रदेश में नौकरशाही पर राजनीतिक दुराग्रह की भावना से काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नये कश्मीर में नौकरशाही अब राजनीतिक मामलों में भी अपना हुकम सुनाने लगे हैं।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने साेमवार को प्रदेश में नौकरशाही पर राजनीतिक दुराग्रह की भावना से काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नये कश्मीर में नौकरशाही अब राजनीतिक मामलों में भी अपना हुकम सुनाने लगे हैं।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमारी पार्टी पीडीपी ने पुलवामा में पार्टी कार्यकर्ताओं का एक सम्मेलन बुलाया था। इसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति का आग्रह किया गया। जिला प्रशासन ने हम पर कई शर्तें लाद डाली। हम पर सम्मेलन में कार्यकर्ताओं की संख्या सीमित रखने से लेकर यातायात व्यवस्था को बनाए रखने क लिए भी कहा गया।
पीडीपी अध्यक्षा ने इंटरनेट मीडिया की माइक्राे ब्लागिंग साईट ट्वीटर पर जिला प्रशासन पुलवामा द्वारा पीडीपी को सम्मेलन संबंधी जारी एक निर्देशावाली को भी अपलोड किया है। इसमें लिखा गया है कि सम्मेलन में 150 से ज्यादा लोग नहीं होने चाहिए। सम्मेलन स्थल से बाहर किसी तरह का जुलूस या रैली नहीं होनी चाहिए। कोई लाउड स्पीकर इस्तेमाल नहीं होगा। ट्रैफिक व्यवस्था भंग नहीं हाेनी चाहिए। अगर किसी तरह की कानून व्यवस्था का संकट पैदा होता है तो उसके लिए पीडीपी जिम्मेदार होगी।
महबूबा मुफ्ती ने पुलवामा के अतिरिक्त जिला मैजिस्ट्रेट अल्ताफ अहमद खान द्वारा जारी पत्र का हवाला देते हुए लिखा है कि नया कश्मीर में सरकारी अधिकारी राजनीतिक मामलों में भी हस्ताक्षेप करते हुए हुकम सुना रहे हैं । उनके यह निर्दश पूरी तरह से पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं। हमारे बहुत से कार्यकर्ता इतवार को पुलवामा में हुई रैली में इसी कारण शामिल नहीं हो पाए। कई आए तो उन्हें रैली स्थल में दाखिल नहीं होने दिया गया। उन्होंने कहा कि यहां कुछ खास दलों को रैलियों की खूली छूट है और जो लोग केंद्र सरकार के एजेंडे के मुताबिक नहीं चलते उन पर पाबंदी रहती है।
उल्लेखनीय है कि इतवार को महबूबा मुफ्ती नेे पुलवामा जिला मुख्यालय में पीडीपी कार्यकर्ताओं की एक रैली को संबोधित किया। उन्होंने इस रैली में जम्मू कश्मीर में पांच अगस्त 2019 से पहले की संवैधानिक स्थिति की बहाली और जम्मू कश्मीर के लोगों के विशेषाधिकारों की बहाली तक शांतिपूर्ण तरीक से एक आंदोलन चलाने का अहवान किया है।