महबूबा मुफ्ती बोली- हम जम्मू कश्मीर के लोगों के हक के लिए लड़ रहे हैं, केंद्र सरकार से कोई भीख नहीं मांग रहे
उत्तरी कश्मीर के बारामूला में पीडीपी कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन को संबाेधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र एक सुनियोजित तरीके से जम्मू कश्मीर के लाेगों को कमजोर बना रहा है। पहले यहां असंवैधानिक तरीके से अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाया गया।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने वीरवार को केंद्र पर जम्मू कश्मीर के लाेगों को राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हम जम्मू कश्मीर के लोगों के हक के लिए लड़ रहे हैं। हम केंद्र से कोई भीख नहीं मांग रहे हैं, हम केंद्र के आगे नहीं झुकेंगे।
आज उत्तरी कश्मीर के बारामूला में पीडीपी कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन को संबाेधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र एक सुनियोजित तरीके से जम्मू कश्मीर के लाेगों को कमजोर बना रहा है। पहले यहां असंवैधानिक तरीके से अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाया गया। फिर यहां कई कानून लागू किए गए, जो स्थानीय लागों के हिताें के खिलाफ हैं। यहां 48 वर्ष के सरकारी कर्मियों को रिटायर करने की योजना पर काम शुरु किया गया और अब लाेगों पर संपत्ति कर लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ जम्मू कश्मीर के लोगों को आर्थिक रुप से कमजोर करने के लिए किया जा रहा है। राजनीतिक औेर सामाजिक तौर पर वह पहले ही यहां लाेगों को कमजोर बना चुका है। केंद्र नहीं चाहता कि यहां के लोग उसके फसलों का विरोध करें इसलिए वह उन्हें हर तरीके से कमजोर बनाने पर तुला है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर ने जब हिंदुस्तान का दामन थामा था तो उस समय यह भारत के ताज की हैसियत से इस मुल्क का हिस्सा बना था। दूसरे आम राज्यों की तरह यह भारत का हिस्सा नहीं बना था। बल्कि संवैधानिक गांरटी और शर्तों केसाथ भारत का हिस्सा बना था। हम जम्मू कश्मीर के अवाम के विशेष राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक अधिकारों की बहाली चाहते हैं। वह जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा लौटाएं या न लौटाएं, हम केंद्र से भीख नहीं मांगेंगे। हम अपना हक मांग रहे हैं और लेकर रहेगे।
जम्मू कश्मीर की खोई पहचान फिर से हासिल करने के लिए कोई भी कुर्बानी देंगे
उन्होंने कहा कि पीडीपी का एक ही मकसद है, कश्मीर मसले को शांतिपूर्ण तरीके से हल करना और जम्मू कश्मीर की खोई पहचान को फिर से हासिल करना। इसके लिए हम कोई भी कुर्बानी देंगे। उन्होंने कहा कि पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर और इसके अवाम से उसकी पहचान छीन ली गई। उसके हक खत्म कर दिए गए, हम इसे वापस लेंगे। जिस तरह से पूरे देश कृषि कानून के खिलाफ लोग शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं, हम भी जम्हूरियत के तौर तरीकों पर चलत हुए शांतिपूर्ण तरीके से अपने हक और पहचान की वापसी के लिए मांग उठाएंगे।
विदेशी राजनियकों को कश्मीर में लाने और उनसे सर्टिफिकेट लेने की क्या जरुरत है
विदेशी राजनियकों के कश्मीर दौरे पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इनसे कुछ हासिल नहीं होगा। केंद्र सरकार अक्सर दावा करती है कि कश्मीर में हालात शांत हैं, स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है तो फिर उसे विदेशी राजनियकों को कश्मीर में लाने और उनसे सर्टिफिकेट लेने की क्या जरुरत है। विदेशी राजनियकों को कश्मीर में हालात सामान्य बताने के लिए यहां कई बंकर हटाए गए लेकिन यहां 10 लाख के करीब सुरक्षाकर्मी हैं। केंद्र सरकार विदेशी राजनियकों को भी धोखे में रख रही है। उनके साथ सिर्फ कुछ खास लाेगों की मुलाकात करवाई गई है।
पीडीपी अध्यक्षा ने बुधवार को श्रीनगर में आकाश मेहरा नाम युवक पर हुए आतंकी हमले की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि इन हरकतों से कश्मीर का भला नहीं होगा बल्कि कश्मीर और कश्मीरी ही बदनाम हो रहे हैं।