जम्मू-कश्मीर में पीडीपी भी करेगी पंचायत चुनाव का बहिष्कार
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने सोमवार को घोषणा की कि वह इस महीने के आखिर में होने वाले निकाय और पंचायत चुनावों का बहिष्कार करेगी।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने सोमवार को राज्य में निकट भविष्य में होने जा रहे स्थानीय निकाय व पंचायत चुनावों में भाग न लेने का एलान कर दिया है। हालांकि पीडीपी इन चुनावों से पीछे हटने का संकेत पहले ही दे दिया था,ले किन औपचारिक एलान आज पार्टी कोर समूह की बैठक के बाद लिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पार्टी कोर समूह और राजनीतिक सलाहकार समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हम इन चुनावों में भाग नहीं लेंगे। मौजूदा हालात चुनाव लायक नहीं है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्र व राज्य सरकार धारा 35ए के संरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध नजर नहीं आती,जिससे यहां लागों में असुरक्षा और विमुखता की भावना लगातार बड़ रही है। दूसरी तरफ यहां का सुरक्षा परिदृश्य भी बेहतर नहीं है। हमने कोर समूह की बैठक में फैसला लिया है कि इन चुनावों में भाग लेने का कोई औचित्य नहीं है। केंद्र सरकार को मौजूदा परिस्थितियों में रियासत में पंचायत व स्थानीय चुनावों को कुछ समय के लिए स्थगित करना चाहिए। सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
मुफ्ती ने श्रीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''हम अनुच्छेद 35 ए को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने बहुत कुर्बानी दी है और कोई अनुच्छेद 35 ए की वैधता से इनकार नहीं कर सकता।
पीडीपी प्रवक्ता रफी अहमद मीर ने कहा कि अनुच्छेद 35 ए के संबंध में लोगों की आशंकाओं को जब तक संतोषप्रद तरीके से नहीं सुलझाया जाता, हम समझते हैं कि निकाय और पंचायत चुनाव कराना बेकार की कवायद होगा।
कुछ दिन पहले ही नेशनल कान्फ्रेंस ने घोषणा की थी कि जब तक भारत सरकार और राज्य सरकार अनुच्छेद 35 ए पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं करेगी और इसे बचाने के लिए अदालत में तथा अदालत के बाहर प्रभावी कदम नहीं उठाती, तब तक वह पंचायत चुनाव नहीं लड़ेगी और 2019 के चुनाव भी नहीं लड़ेगी।