हैदरपोरा मुठभेड़ की जांच पर महबूबा ने कहा- दंडात्मक कार्रवाई की धमकी देकर नहीं करा सकते चुप
एसआइटी ने दावा किया कि आतंकी ठिकाना बनी इमारत के मालिक अल्ताफ अहमद बट को आतंकियों ने मानवढाल बनाया था और वह क्रासफायरिंग में मारे गए थे। एसआइटी की रिपोर्ट पर विभिन्न राजनीतििक दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे दोषी पुलिसकर्मियों केा बचाने का एक तरीका बताया है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूराे : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने वीरवार को एसआइटी की जांच पर किसी भी तरह की नकारात्मक टिप्पणी पर दंडात्मक कार्रवाई की पुलिस की चेतावनी पर कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने कहा है कि हमें डरा धमका कर, दंडात्मक कार्रवाई की धमकी देकर चुप कराना अब काम नहीं आएगा। हैदरपोरा मुठभेड़ की जांच के लिए गठित सीआइटी ने मंगलवार को दावा किया था कि पाकिस्तानी आतंकी के साथ मारा गया आमिर मागरे जहां एक सक्रिय आतंकी था, वहीं डा. मुदस्सर गुल ओवरग्राउंड वर्कर था।
Remarks on the SIT probe by different policial parties isn’t mere speculation. They are grounded in facts. The administration’s aversion & discomfort with truth coming to the fore is well known. Bullying us into silence by ‘penal action’ warnings wont work. https://t.co/4i3kCA9U7h
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 30, 2021
एसआइटी ने दावा किया कि आतंकी ठिकाना बनी इमारत के मालिक अल्ताफ अहमद बट को आतंकियों ने मानवढाल बनाया था और वह क्रासफायरिंग में मारे गए थे। एसआइटी की रिपोर्ट पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे दोषी पुलिसकर्मियों केा बचाने का एक तरीका बताया है। इस पर पुलिस ने कड़ा एतराज जताते हुए बुधवार को कहा था कि जो भी एसआइटी की जांच पर नकारात्मक टिप्पणी करेगा उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी।
महबूबा मुफ्ती ने वीरवार को पुलिस की कथित चेतावनी पर रोष जताते हुए अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा है कि एसआइटी जांच को लेकर विभिन्न रातनीतक दलों की टिप्पणियां पूरी तरह आधारहीन नहीं है। यह संभावनाओं पर नहीं है, यह जमीनी हकीकत है। सच्चाई के उजागर होने पर प्रशासन अपनी बेइज्जती से बचना चाहता है, इसलिए यह सब हो रहा है। बता दें कि नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भी एसआइटी की जांच रिपोर्ट को गलत बताया। उन्होंने भी कहा कि इस तरह से पुलिस की छवि खराब होगी और लोगों का उनसे भरोसा उठेगा।