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कश्मीर में तिरंगा लहराते देख महबूबा बेचैन; सरकार पर खुलकर लगाए आरोप, बोलीं-बोलने की आजादी नहीं

कश्मीर केंद्रित दलों को यह रास नहीं आ रहा है। पीडीपी मुख्यालय में जब इसी संबंध में प्रेस से बातचीत में सवाल किया गया तो वह कुछ देर के लिए चुप हो गईं। फिर उन्होंने कहा कि मैं इस पर क्या बोलूं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 07:52 AM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 01:45 PM (IST)
कश्मीर में तिरंगा लहराते देख महबूबा बेचैन; सरकार पर खुलकर लगाए आरोप, बोलीं-बोलने की आजादी नहीं
जम्मू कश्मीर का हक हम वापस लेकर ही रहेंगे।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: कश्मीर में विभिन्न सरकारी इमारतों पर राष्ट्रध्वज का लहराना पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को रास नहीं आ रहा है। उन्हें लगता है कि कश्मीर में राष्ट्रवाद मजबूत होने से उनकी पार्टी का अस्तित्व शून्य में समा जाने की ओर खिसक जाएगा। तभी तो वह उल्टे आरोप लगाती हैं कि राज्य प्रशासन के दिल में असुरक्षा की भावना है, इसलिए सभी इमारतों पर तिरंगा लहराने का निर्देश जारी किया गया है। वह सरकार पर खुलकर आरोप लगाती हैं, फिर भी कसक निकालती हैं कि जम्मू कश्मीर में किसी को अपनी बात कहने की आजादी नहीं है। इसी सियासत के बूते वह पीडीपी के उत्थान का सपना पाले हैं।

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उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गत माह आदेश जारी कर दोनों मंडलायुक्तों, सभी जिला उपायुक्तों और एसएसपी को अपने-अपने कार्याधिकार क्षेत्र में सभी सरकारी कार्यालयों की इमारतों पर राष्ट्रध्वज फहराने का निर्देश दिया है। इस आदेश के बाद कश्मीर में लगभग प्रत्येक सरकारी संस्थान की इमारत पर तिरंगा शान से लहरा रहा है। कश्मीर केंद्रित दलों को यह रास नहीं आ रहा है। पीडीपी मुख्यालय में जब इसी संबंध में प्रेस से बातचीत में सवाल किया गया तो वह कुछ देर के लिए चुप हो गईं। फिर उन्होंने कहा कि मैं इस पर क्या बोलूं।

केंद्र सरकार व उपराज्यपाल की तरफ संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं इनके दिल में गैर यकीनियत (अविश्वास) और असुरक्षा की भावना है। इसलिए यह आदेश जारी किया गया है। पूरे देश में कोई भी राज्यपाल ऐसा आदेश जारी नहीं करता, फिर जम्मू कश्मीर में क्यों? यह आदेश साबित करता है कि आज भी केंद्र सरकार को कश्मीर को लेकर एहसास-ए-कमतरी है, उनमें सेंस ऑफ इनसिक्योरिटी (असुरक्षा की भावना) है।

गौरतलब है कि महबूबा ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने की मुद्दे पर कहा था कि जिस दिन जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त होगा, उस दिन कश्मीर में तिरंगा थामने वाला कोई नहीं रहेगा। बीते साल अक्टूबर में जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने कहा था कि जब तक मेरा झंडा (एकीकृत जम्मू कश्मीर राज्य का झंडा) हमारे पास वापस नहीं आ जाता, मैं कोई भी दूसरा झंडा नहीं उठाऊंगी। आज वह दिन है जब कश्मीर में प्रत्येक सरकारी इमारत पर तिरंगा लहरा रहा है।

मैं क्या बताऊं किसी ने पीडीपी क्यों छोड़ी: पीडीपी के कई वरिष्ठ नेताओं के अलग पर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने कहा कि मैं क्या बताऊंगी कि किसी ने दबाव में आकर पीडीपी को छोड़ा है या किसी अन्य कारण से। इसका जवाब पार्टी छोडऩे वाले ही दे सकते हैं। यह वही लोग हैं जो जब मंत्री थे तो पीडीपी को ही अपना सबकुछ बताते थे। जब ये लोग एमएलए और सांसद थे, तब छोड़कर नहीं गए। उन्होंने कहा कि इस समय हमारी रियासत जम्मू कश्मीर और पीडीपी कई गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। हम इस रियासत को एक नए दौर में ले जाएंगे। जम्मू कश्मीर का हक हम वापस लेकर ही रहेंगे।

सभी सियासी दलों के कार्यालय पर तिरंगा अनिवार्य करे केंद्र: अल्ताफ

प्रदेश भाजपा की कश्मीर इकाई ने मांग की है कि केंद्र सरकार सुनिश्चित करे कि जम्मू कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों के कार्यालयों पर तिरंगा फहराना अनिवार्य किया जाए। भाजपा की कश्मीर इकाई के वरिष्ठ नेता व प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि कश्मीर के बेहतर होते हालात कुछ राजनीतिक दलों को रास नहीं आ रहे हैं। अल्ताफ ने नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर के उस बयान पर जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जम्मू कश्मीर में छतों पर तिरंगे फहराने से कुछ बदलने वाला नहीं है। इससे कोई क्रांति नहीं आने वाली है। उन्होंने कहा था कि हम तिरंगे का नहीं, भाजपा के जम्मू कश्मीर के प्रति नीतियों का विरोध करते हैं। 


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