Jammu Kashmir: महबूबा मुफ्ती काे फिर जागा पाक प्रेम, बोलीं-कश्मीर समस्या समाधान के लिए पाकिस्तान से बातचीत जरूरी
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र सरकार को कश्मीर समस्या के समाधान के लिए पाकिस्तान व अन्य संबधित पक्षों से बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने यह विचार शनिवार काे लोगरीपोरा अनंतनाग में शहीद सुहैल अहमद के घर में उसके परिजनों के साथ सांत्वना जताने के बाद एक बातचीत में प्रकट किए।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। अपनी सियासी जनाधार को फिर से जुटाने के लिए छटपटा रही पीपुल्स डेमाेक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती ने फिर कश्मीर समस्या का पुराना राग अलापना शुरु कर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को कश्मीर समस्या के समाधान के लिए पाकिस्तान व अन्य संबधित पक्षों से बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने यह विचार शनिवार काे लोगरीपोरा अनंतनाग में शहीद सुहैल अहमद के घर में उसके परिजनों के साथ सांत्वना जताने के बाद एक बातचीत में प्रकट किए। सुहैल अहमद उन दो पुलिसकर्मियों में एक हैं जो गत शुक्रवार को बागात बरजुला में आतंकी हमले में शहीद हुए हैं।
महबूबा मुफ्ती अनंतनाग संसदीय क्षेत्र का दो बार प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। पीडीपी का मुख्य जनाधार भी दक्षिण कश्मीर ही है। वह अनंतनाग के बीजबेहाड़ा से ताल्लुक रखती हैं। आज शहीद पुलिसकर्मी सुहैल अहमद के घर महबूबा मुफ्ती सांत्वना जताने पहुंची।द् उन्होंने शहीद की पत्नी औेर मां से बातचीत कर उनकेे साथ अपनी संवेदना प्रकट की। बाद में पत्रकारों के साथ एक संक्षिप्त बातचीत में महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हिंसा का यह दुष्चक्र अब समाप्त होना ही चाहिए। केंद्र को कश्मीर मसले के लिए बातचीत की प्रक्रिया शुरु करनी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि शुक्रवार को पहले एक एसपीओ शहीद हुआ, फिर बागात में दो पुलिसकर्मियों को शहीद किया गया। इनमें एक सुहैल अहमद था। इसके छाेटे छोटे बच्चे रह गए हैं। सुहैल जब छोटा था तब उसका बाप भी चल बसा था। मैं पूछती हूं कि कब तक हमारे नौजवान कुर्बान होते रहेंगे, कब तक हमारे पुलिसकर्मी और अन्य जवान कुर्बान होते रहेंगे। मैं समझती हूं कि केंद्र सरकार को इसका जवाब देना चाहिए। भाजपा वालों को बताना हाेगा कि कब यह सिलसिला रुकेगा। कब तक कश्मीर के लाेग यूं कुर्बान होते रहेंगे।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भारत सरकार को चाहिए कि वह कश्मीर मसला हल करे क्योंकि इसके कारण ही खून खराबा हो रहा है। इसके हल होने पर ही जम्मू कश्मीर के लोग अमन चेन के साथ रह सकेंगे। यहां कब्रिस्तान भी भर चुके हैं। जम्मू कश्मीर के हवाले से केंद्र सरकार को, भाजपा सरकार को बातचीत का सिलसिला शुरू करना चाहिए । यह बातचीत चाहे वह यहां करें या फिर वहां करे। केंद्र सरकार हमेशा कहती है कि पाकिस्तान ही यहां हिंसा और निर्दाेष लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार है। इसलिए केंद्र सरकार पाकिस्तान के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू कर कम से कम कश्मीर में हिंसा और खून खराबा ही बंद कराए।