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Kashmir: महबूबा मुफ्ती ने कहा पीडीपी को तोड़ने के लिए प्रलोभन और धमकी दी जा रही

महबूबा ने आरोप लगाया है कि मौजूदा केंद्र सरकार का जो भी विरोध करता है उस पर राष्ट्रद्रोह या फिर मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज कर लिया जाता है। अब यह मुल्क संविधान के मुताबिक नहीं बल्कि एक राजनीतिक दल विशेष के एजेंडे के मुताबिक चलाया जा रहा है।

By Edited By: Published: Sat, 27 Mar 2021 05:09 AM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 08:36 AM (IST)
Kashmir: महबूबा मुफ्ती ने कहा पीडीपी को तोड़ने के लिए प्रलोभन और धमकी दी जा रही
केंद्रीय संस्थाओं का दुरुपयोग विपक्ष को चुप कराने के लिए किया जा रहा है।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: मनी लांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ के बाद से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की हताशा लगातार बढ़ रही है। शुक्रवार को उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया है कि वह पीडीपी को तोड़ने के लिए पार्टी के सदस्यों को प्रलोभन के साथ धमकिया भी दे रही है।

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महबूबा से वीरवार को ही प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने मनी लांड्रिंग मामले में करीब पाच घटे पूछताछ की थी। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा शुक्रवार को अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा है कि केंद्र सरकार पीडीपी को तोड़ने के लिए पार्टी के सदस्यों को लालच देने के अलावा धमका भी रही है। ईडी और एनआइए जैसी संस्थाओं का इस्तेमाल मुझे डराने के लिए किया जा रहा है।

उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा उनके साथ राजनीतिक बदले की भावना से काम करने का आरोप है। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा बुरा और क्या होगा कि मुझे पासपोर्ट प्राप्त करने के मौलिक अधिकार से भी वंचित किया जा रहा है। यह राजनीतिक दुराग्रह नहीं तो और क्या है? महबूबा ने आरोप लगाया है कि मौजूदा केंद्र सरकार का जो भी विरोध करता है, उस पर राष्ट्रद्रोह या फिर मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज कर लिया जाता है। अब यह मुल्क संविधान के मुताबिक नहीं, बल्कि एक राजनीतिक दल विशेष के एजेंडे के मुताबिक चलाया जा रहा है।

उन्होंने ईडी की पूछताछ का जिक्र करते हुए बताया था कि उनसे बिजबिहाड़ा में उनकी पैतृक जमीन को बेचने के कारणों और मुख्यमंत्री की विशेष निधि के इस्तेमाल से जुड़े सवाल पूछे गए हैं। महबूबा ने वीरवार को ईडी की पूछताछ के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि अब इस देश में सत्तापक्ष से असहमति का मतलब अपराध हो चुका है। एनआईए, सीबीआइ और ईडी जैसी केंद्रीय संस्थाओं का दुरुपयोग विपक्ष को चुप कराने के लिए किया जा रहा है।


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