Move to Jagran APP

Mehbooba Mufti Detained : महबूबा मुफ्ती का कहना, घर में नजरबंद किया गया है मुझे

महबूबा ने लिखा कि कश्मीर को एक खुली जेल में बदलने के बाद अब मृतकों को भी नहीं बख्शा गया है। एक परिवार को शोक करने और उनकी इच्दा के अनुसार अंतिम विदाई देने की अनुमति भी नहीं है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 07 Sep 2021 01:18 PM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 01:18 PM (IST)
Mehbooba Mufti Detained : महबूबा मुफ्ती का कहना, घर में नजरबंद किया गया है मुझे
गिलानी की माैत के बाद आइजी कश्मीर उनके घर में शोक प्रकट करने गए थे।

जम्मू, जागरण संवाददाता : अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी के शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटने और और वहां देश विरोधी नारेबाजी का समर्थन करने वाली महबूबा मुफ्ती ने अब खुद को नजरबंद किए जाने का दावा किया है। महबूबा ने ट्वीट कर खुद के घर में नजरबंद किए जाने का दावा करते हुए लिखा है कि भारत सरकार अफगानियों के अधिकारों की तो चिंता कर रही है लेकिन दूसरी तरफ कश्मीरियों के अधिकारों का हनन कर रही है। मुझे आज नजरबंद कर दिया गया क्योंकि प्रशासन के अनुसार कश्मीर में स्थिति सामान्य से बहुत दूर है। यह कश्मीर में स्थिति सामान्य होने के दावों की पोल खोलता है।

loksabha election banner

सईद अली शाह गिलानी की मौत के बाद उनके परिजनों ने उनके शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेट कर वहां पाकिस्तान के समर्थन में भी नारेबाजी की थी। इस घटना के बाद पुलिस ने गिलानी के परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज किया था जिसके बाद महबूबा भी मैदान में कूद गई थी। महबूबा ने उस समय भी कर प्राथमिकी दर्ज करने की आलोचना की।

महबूबा ने लिखा कि कश्मीर को एक खुली जेल में बदलने के बाद अब मृतकों को भी नहीं बख्शा गया है। एक परिवार को शोक करने और उनकी इच्दा के अनुसार अंतिम विदाई देने की अनुमति भी नहीं है। गिलानी के परिवार के सदस्यों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज करना सरकार की निर्दयता को दिखाता है। यह नए भारत का नया कश्मीर है। इसके बाद महबूबा ने श्रीनगर में भी पत्रकारों से बातचीत करते हुए गिलानी के परिवार के सदस्यों पर मामला दर्ज किए जाने की आलोचना की थी। हालांकि कश्मीर पुलिस ने भी दावा किया था कि गिलानी की माैत के बाद आइजी कश्मीर उनके घर में शोक प्रकट करने गए थे।

वहां उन्होंने उनके परिजनों से अपील की थी कि हालात को देखते गिलानी को सुपुर्द-ए-खाक करने की रस्में जल्द पूरी कर ली जाए ताकि यहां पर कानून व्यवस्था न बिगड़। उस समय गिलानी के परिजन यह बात मान गए थे लेकिन बाद में पाकिस्तान के दबाव में आकर उन्होंने इस कार्रवाई को अंजाम दिया था।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.