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Mehbooba Mufti का भाजपा पर आरोप, कहा-वोट हासिल करने के लिए Kashmiri Pandits के दर्द को हथियार बना रहे

महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि कुछ लोग दिल्ली में बैठकर दोनों समुदायों के बीच जहर घोल रहे हैं। भाजपा को लोगों को विभाजित करने की राजनीति रास आती है। मुफ्ती ने कहा कि उनके जहरीले बयानों से कश्मीर और जम्मू दोनों ही जगहों में प्रतिक्रिया होती है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 15 Nov 2021 09:30 AM (IST)Updated: Mon, 15 Nov 2021 09:30 AM (IST)
पीडीपी सचिव आरके परदेसी ने कहा कि हमने अपनी पूरी पीढ़ी खो दी है

जम्मू, राज्य ब्यूरो : पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह वोट हासिल करने के लिए कश्मीरी पंडितों के दर्द को हथियार बना रही है।उन्होंने कहा कि कश्मीरी मुसलमानों को अपने हिंदू भाइयों की सम्मानजनक वापसी के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।

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महबूबा ने कहा कि भाजपा से जुड़े कुछ लोग, जो दिल्ली में स्टूडियो में बैठे हैं और समुदाय का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हैं, जहर उगल रहे हैं और घाटी के पंडितों और मुसलमानों को मिलने में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। विस्थापित कश्मीरी इतने लंबे समय से अपने घरों से बाहर हैं और वापस आना चाहते हैं लेकिन सवाल यह है कि कैसे जाना है। जिस तरह से भाजपा ने इस मुद्दे को अपनाया है वह दो समुदायों को साथ लाने के स्थान पर उनके बीच एक विभाजन पैदा करना है।

महबूबा मुफ्ती ने कश्मीरी पंडितों सहित पांच प्रतिनिधिमंडलों के साथमुलाकात की और उन्हें घाटी में हाल ही में हुई हत्याओं की पके बाद अपने मुद्दों और चिंताओं के बारे में जानकारी दी ।महबूूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के जाने से मुसलमान हारे हैं। घाटी में उनकी वापसी के लिए लोगों विशेष रूप से नई पीढ़ी पर निर्भर है कि वे एक दूसरे तक पहुंचें और साल 1990 से पहले वाले भाईचारे का माहौल बनाने के लिए काम करें।उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों को एकजुट होकर बोलने और विभाजन को आगे बढ़ाने के लिए जहर उगलने वालों से बचकर रहने की जरूरत है।

हो सकता है कि कश्मीर के मुसलमानों को उनकी वापसी को सम्मानजनक तरीके से देखने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़े।उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के पास पूर्व सूचना के बावजूद पंडितों पर हमला किया गया। इन हमलों ने कश्मीरी कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना उत्पन्न कर दी है। विडंबना यह है कि सरकार को पता ही नहीं चल रहा कि क्या करे। कभी कर्मचारियों को डयूटी पर वापस बुलाया जाता है तो कई बार उन्हें जम्मू में रूकने को कहा जाता है।

उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बात कर पंडितों की वापसी के लिए पूरी योजना बनाई थी। उनके लिए आवास और ट्रांजिट कैंप भी बनाना शुरू किए थे। वेसू, शेखपोरा, मटन, गांदरबल में यह आवास बनाए जा रहे हैं। दुर्भाग्य से वर्तमान सरकार इसमें पूरी तरह से विफल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग दिल्ली में बैठकर दोनों समुदायों के बीच जहर घोल रहे हैं। भाजपा को लोगों को विभाजित करने की राजनीति रास आती है।

मुफ्ती ने कहा कि उनके जहरीले बयानों से कश्मीर और जम्मू दोनों ही जगहों में प्रतिक्रिया होती है।समस्या यह है कि जो आवाजें कश्मीरी पंडितों का प्रतिनिधित्व करने की कोशिश कर रही हैं, वे पूरे माहौल को खराब करके उनका बहुत बड़ा नुकसान कर रही हैं।

ऐसे सभी लोग न केवल विचारधारा से बल्कि अन्य तरीकों से भी भाजपा से जुड़े हुए हैं। उनकी रुचि राजनीतिक और वित्तीय सहित कई मायनों में भाजपा से जुड़ी हुई है। पीडीपी सचिव आरके परदेसी ने कहा कि हमने अपनी पूरी पीढ़ी खो दी है लेकिन वापस लौटने का सपना पूरा नहीं हो पाया है।पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के समय में लगा था कि वापस जाएंगे। उन्होंने मटन और गांदरबल में कई धर्मशालाएं भी बनाई थी। उन्होंने कहा कि पीडीपी से बहुत उम्मीदें हैं।

भाजपा पर लोकतंत्र-मानवाधिकारों को कुचलने का आरोप भी लगाया : महबूबा मुफ्ती ने भाजपा पर जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र और मानवाधिकारों को कुचलने का आरोप भी लगाया।उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार अपने ही लोगों के साथ युद्ध कर रही है।भाजपा सरकार अफगानिस्तान को समावेशी सरकार और मानवाधिकारों पर व्याख्यान देती है और कश्मीर में, लोगों को जेल में डाल दिया जाता है। संवैधानिक अधिकारों की मांग के लिए देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाता है। कश्मीर में भाजपा के लिए समावेश का मतलब केवल उन लोगों के लिए होता है जो इसकी तर्ज पर चलते हैं और इसके एजेंडे का प्रचार करते हैं। उन्होंने पार्टी मुख्यालय में पिछले दो दिनों में पार्टी कार्यकर्ताओं और विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के साथ कई बैठकें कीं और रविवार को पार्टी में कई प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं का स्वागत किया।

पंडितों की वापसी पर राजनीति न हो : पनुन कश्मीर के प्रधान वीरेंद्र रैना का कहना है कि स्टूडियो में बैठकर बयान देने से पंडितों की वापसी नहीं रूक रही। कश्मीर के जो हालात हैं, उसमें सुधार करने की जरूरत है। पीडीपी प्रधान स्वयं कई ऐसे बयान देती हैं जो कि हालात को खराब करते हैं। पंडितों की वापसी का मुद्दा बहुत गंभीर है। चुन-चुन कर जो हत्याएं हो रही हैं, उनके दोषियों को सजा देनी होगी। सुरक्षा परिदृश्य को बेहतर बनाना होगा। मूल मुद्दे को भटकाने का प्रयास नहीे होना चाहिए। पंडित वषों से घरों से बाहर है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।


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