Pulwawa Terror Attack: पाकिस्तान में छिपे हैं पुलवामा के गुनहगार मसूद अजहर व रौउफ असगर, उनके खात्मे तक पूरा नहीं होगा बदला
कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद के सक्रिय प्रमुख आतंकी कमांडरों को ढेर कर सुरक्षाबलों ने पुलवामा के जांबाजों की शहादत का बदला ले लिया है पर यह लड़ाई सरगना मसूद अजहर और उसके भाई रौउफ असगर को अंजाम तक पहुंचाने तक यह लड़ाई जारी रहने वाली है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: कश्मीर में सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख आतंकी कमांडरों को ढेर कर सुरक्षाबलों ने पुलवामा के जांबाजों की शहादत का बदला ले लिया है पर यह लड़ाई जैश सरगना मसूद अजहर और उसके भाई रौउफ असगर को अंजाम तक पहुंचाने तक यह लड़ाई जारी रहने वाली है। दोनों भाई आज भी पाकिस्तान में छिपे हैं। इन दोनों ने ही अपने दो विश्वस्त अमार अल्वी उर्फ छोटा मसूद और आशिक नेंगरू के साथ मिलकर पुलवामा की साजिश रची।
उसके बाद ही इस वारदात को अंजाम देने के लिए अजहर मसूद के भतीजे उमर फारूक और एक अन्य पाकिस्तानी कमांडर कामरान अली को विशेषतौर पर कश्मीर में भेजा गया था। पुलवामा की साजिश में शामिल छह आरोपित हिरासत में हैं और सात मुठभेड़ में ढेर हो चुके हैं। यहां बता दें कि 14 फरवरी 2019 को एक आत्मघाती हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआए) की जांच में यह खुलासा हुआ था कि मसूद अजहर, रौउफ असगर और अमार अल्वी उर्फ चाचा उर्फ छोटा मसूद हमले से पहले और हमले के बाद कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तानी आतंकियों के साथ लगातार संपर्क में थे। 14 फरवरी के बाद एक और हमला अंजाम दिया जाना था, इसके लिए कार बम और आत्मघाती आतंकी भी तैयार हो चुका था, लेकिन पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ और मसूद अजहर दोनों घबरा गए। इसके बाद अजहर ने मोहम्मद उमर फारूक को दूसरा हमला न करने हिदायत दी थी। वहीं, मोहम्मद उमर फारूक के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद यह हमला नहीं हुआ।
चार पाकिस्तान में और एक कश्मीर में छिपा : मुख्य साजिशकर्ता मसूद अजहर और उसका भाई रौउफ असगर पाकिस्तान में छिपे हुए हैं। इन्होंने पाकिस्तान में बैठकर अमार अल्वी और आशिक नेंगरू के साथ मिलकर साजिश रची। यह दोनों भी पुलवामा के बाद से पाकिस्तान में छिपे हैं। वहीं, एक अन्य आरोपित समीर अहमद डार कश्मीर में ही है।
मारे जा चुके हैं सात साजिशकर्ता :
- पुलवामा का आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार मौके पर ही विस्फोट में मारा गया था।
- अजहर मसूद का भतीजा मोहम्मद उमर फारूक और एक अन्य पाकिस्तानी कमांडर कामरान अली पुलवामा हमले के चंद दिन बाद ही सुरक्षाबलों संग मुठभेड़ में ढेर कर दिए गए थे।
- दक्षिण कश्मीर में सक्रिय जैश के कमांडर मुदस्सर अहमद खान और सज्जाद बट भी अधिक दिन सुरक्षाबलों से बच नहीं सके।
- पाकिस्तानी कमांडर कारी यासिर जनवरी 2020 में मारा गया और कुछ माह बाद एक अन्य पाकिस्तानी कमांडर मोहम्मद इस्माइल भी मुठभेड़ में मारा गया।
गिरफ्तमें हैं सात आरोपित :
- शाकिर बशीर मागरे ने आत्मघाती हमलावर आदिल डार को ठिकाना उपलब्ध कराया और हमले में इस्तेमाल कार तैयार करने में मदद की थी। उसके घर में ही कार में आइईडी फिट की गई और वही कार को चलाते हुए हाईवे पर लेकर आया था।
- तारिक शाह और उसकी बेटी इंशा जान और बिलाल अहमद कूचे ने जैश के आतंकियों के लिए आश्रय प्रदान करने के अलावा अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाईं। आदिल का वीडियो भी इंशा के घर बनाया गया था।
- मुदस्सर ने जिलेटिन की छड़ें शाकिर तक पहुंचाई थी।
- सज्जाद अहमद बट ने जनवरी 2019 में हमले के लिए मारुति ईको कार खरीदी और इसे शाकिर के घर के पास रख दिया।
- वैज उल इस्लाम ने चार किलो एल्यूमिनियम पाउडर ऑनलाइन खरीदा था।
पाकिस्तानी सेना के सेफ हाउस में रहता है अजहर
जैश सरगना अजहर मसूद बीते कुछ सालों से बीमार है। कहा जाताहै कि उसकी एक किडनी खराब हो चुकी है। उसका उपचार पाकिस्तानी सेना के एक अस्पताल में हुआ है और बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद से अकसर पाकिस्तानी सेना की सेफ हाउस में ही रहता है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ही बहावलपुर से बाहर निकलता है। पुलवामा हमले के बाद उसे करीब एक दर्जन मौकों पर ही देखा गया है। बीते साल वह गुलाम कश्मीर में भी एक आतंकी कैंप में देखा गया था। फिलहाल जैश की आतंकी गतिविधियों का जिम्मा अजहर मसूद के भाई रौउफ असगर ने संभाल रखा है।