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Jammu Kashmir : बेहतर मेरिट वालों के लिए मुसीबत बन गया मास प्रमोशन, दाखिला मुश्किल

जम्मू संभाग के डिग्री कालेजों में अंडर ग्रेजुएट के पहले सेमेस्टर में दाखिले के लिए मारामारी का माहौल है। कोरोना से उपजे हालात के कारण बारहवीं कक्षा में मास प्रमोशन के कारण इस बार पास फीसद ही नहीं बढ़ा बल्कि मेरिट का फीसद भी बहुत अधिक रहा है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 08:29 PM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 08:29 PM (IST)
Jammu Kashmir : बेहतर मेरिट वालों के लिए मुसीबत बन गया मास प्रमोशन, दाखिला मुश्किल
अस्सी फीसद से अधिक अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों को आर्ट्स में दाखिला नहीं मिल पा रहा है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : बारहवीं कक्षा में बेहतर मेरिट के बावजूद विद्यार्थियों का कालेजों में पढ़ाई करने का सपना साकार होता दिखाई नहीं दे रहा है। जम्मू संभाग के डिग्री कालेजों में अंडर ग्रेजुएट के पहले सेमेस्टर में दाखिले के लिए मारामारी का माहौल है। कोरोना से उपजे हालात के कारण बारहवीं कक्षा में मास प्रमोशन के कारण इस बार पास फीसद ही नहीं बढ़ा, बल्कि मेरिट का फीसद भी बहुत अधिक रहा है। ऐसे में हालात ये बन गए हैं कि अस्सी फीसद से अधिक अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों को आर्ट्स में दाखिला नहीं मिल पा रहा है। इससे अधिक चुनौती साइंस और कामर्स स्ट्रीम को लेकर आई है।

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क्लस्टर विश्वविद्यालय जम्मू के अधीन जम्मू शहर के चार कालेजों में 21 हजार से अधिक आवेदन हुआ था। इन कालेजों में साइंस कालेज, मौलाना आजाद मेमोरियल कालेज, महिला कालेज गांधी नगर और कामर्स कालेज शामिल हैं। इनमें सीटें मात्र छह हजार हैं। काउंसलिंग अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। नए खुले कालेजों में भी सीटों के मुकाबले आवेदन करने वाले अधिक रहे हैं। बारहवीं कक्षा में अधिक फीसद अंक लेने वालों की संख्या बहुत अधिक होने के कारण हजारों की संख्या में विद्यार्थी कालेजों में पढ़ाई करने से महरूम रह गए हैं।

जम्मू शहर में कुंजवानी, सिद्धड़ा, भगवती नगर और नगरोटा में दो साल पहले नए कालेज खोले गए थे। यह चारों कालेज जम्मू विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त हैं। कुंजवानी को छोड़ कर अन्य कालेजों में अभी ढांचागत सुविधाओं की कमी है, जिस कारण विषयों के सीमित कंबिनेशन हैं। सीटों की संख्या भी कम है। अधिकतर विद्यार्थी इन कालेजों में दाखिला लेने के बजाए जम्मू शहर के चार कालेजों में ही दाखिला लेना चाहते हैं, क्योंकि यह सालों से स्थापित है और शहर के बीच में है। सुविधाओं की कमी नहीं है।

मेरिट की प्रतिस्पर्धा दिल्ली विश्वविद्यालय के कालेजों जैसी हो गई है। आर्ट्स का मेरिट अस्सी फीसद से अधिक होने से सामान्य विद्यार्थियों के पसीने छूट चुके हैं। हजारों विद्यार्थियों को समझ नहीं आ रहा है कि वे क्या करें।

मास प्रमोशन के कारण बेहतर मेरिट वालों को परेशानी : साइंस कालेज के प्रिंसिपल और जम्मू संभाग के कालेजों के नोडल अधिकारी प्रो. रविंद्र टिक्कू ने कहा कि सीटों के हिसाब से आवेदन करने वाले विद्यार्थियों की संख्या बहुत अधिक रही है। मास प्रमोशन के कारण मेरिट का फीसद बहुत अधिक रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि मेरिट बहुत अधिक बढ़ गया है जिससे बेहतर मेरिट वालों को भी दाखिला नहीं मिल पा रहा।

प्रधानमंत्री विशेष स्कालरशिप के लिए काफी आवेदन : प्रधानमंत्री विशेष स्कालरशिप योजना के लिए आवेदन करने वाले विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है। बेहतर मेरिट होने के बावजूद कोई जोखिम न उठाते हुए बढ़ी संख्या में विद्यार्थियों ने प्रधानमंत्री विशेष स्कालरशिप के लिए आवेदन कर दिया है। पांच हजार सीटें स्कालरशिप की हैं। निश्चित तौर पर दो हजार से अधिक विद्यार्थी कालेजों की पढ़ाई छोड़कर स्कालरशिप के तहत बाहरी राज्यों में दाखिला ले लेंगे, मगर इसमें समय लगेगा। नीट का पेपर पास होने पर कुछ विद्यार्थी मेडिकल कालेजों में भी जाएंगे।


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