अवसरवादी राजनीति करते हैं फारूक अब्दुल्ला
जागरण संवाददाता, पालमपुर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के पाक अधिकृत कश्मी
जागरण संवाददाता, पालमपुर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को पाकिस्तान का हिस्सा बताने पर शहीदों के परिजनों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने इसे फारूक अब्दुल्ला की अवसरवादी राजनीति बताया है। उनका कहना है कि फारूक अब्दुल्ला जब सत्ता में होते हैं तो उनकी जुबान कुछ कहती है, लेकिन जब सत्ता में नहीं होते तो कुछ और कहते हैं। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था और है। कश्मीर के लिए हमारे देश के सैनिकों ने यूं ही बलिदान नहीं दिया है। इसे भारत से दुनिया की कोई ताकत नहीं छीन सकती। फारूक अब्दुल्ला को बयान देने से पहले इतिहास पढ़ना चाहिए। सरकार को चाहिए कि इस तरह के बयान देने वाले नेताओं पर कड़ी कार्रवाई की जाए, जो देश और सैनिकों का हौसला तोड़ने वाले बयान देते हैं।
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इतिहास जान लें फारूक : डॉ. एनके कालिया
कारगिल शहीद कैप्टन सौरभ कालिया के पिता एनके कालिया ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहने के बावजूद इस तरह का बयान फारूक अब्दुल्ला की ओर से दिया जाना बहुत शर्मनाक है। या तो उन्हें इतिहास की जानकारी नहीं है या केवल अपनी राजनीति को चमकाने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा। फारूक को चाहिए कि जब वह कुर्सी पर होते हैं तो उस समय दिए गए अपने बयानों पर कायम रहें। केंद्र सरकार को भी चाहिए कि इस तरह का बयान देने वाले नेताओं पर कार्रवाई करे।
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सिर्फ सुर्खियों में रहने की आदत : जीएल बतरा
शहीद कैप्टन विक्रम बतरा के पिता गिरधारी लाल बतरा कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री केवल सुर्खियों में रहने के लिए इस तरह की बयानबाजी करते हैं। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह भारत की जमीन पर रहते हैं। कश्मीर भारत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और रहेगा। हमारे वीर सैनिकों ने यूं ही अपनी कुर्बानियां नहीं दी हैं। सरकार को इस तरह के नेताओं पर लगाम कसनी चाहिए।
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हमने जवान बेटे यूं ही नहीं खोए : सूबेदार रूलिया राम
शहीद मेजर सुधीर वालिया के पिता सेवानिवृत्त सूबेदार रूलिया राम कहते हैं कि हमने अपने जवान बेटे यूं ही नहीं खोए हैं। कश्मीर के लिए दी गई शहादतों का मोल ऐसे नेता नहीं जानते जो केवल बयानबाजी कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते हैं। मेरी सरकार से गुजारिश है कि इस तरह के नेताओं पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए, क्योंकि कश्मीर भारत का हिस्सा है और इसे अलग बताना देश के खिलाफ बयान देने जैसा है।