Mansar Trekking: कोरोना महामारी के कारण घरों में बैठ परेशान हो चुके बच्चे अब ले रहे मानसर में ट्रैकिंग का मजा
बच्चों को सुबह शाम मानसर झील घूमने का अवसर दिया जाता है। इस दौरान ये बच्चे ट्रैकिंग तो करते ही हैं वहीं यहां के स्थानीय लोगों से वन बूटी के बारे में भी पूछ रहे हैं। मानसर झील के इतिहास के बारे मेें भी जानकारी जुटा रहे हैं।
जम्मू, जागरण संवाददाता: कोरोना महामारी के कारण पिछले करीब नौ महीनों से घरों में बंद बच्चे मानसर ट्रैकिंग का आनंद ले रहे हैं। वहीं इस महामारी की वजह से सुनसान पड़े जम्मू के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मानसर में भले ही पर्यटक अपेक्षाकृत कम हों लेकिन ट्रैकिंग के लिए यहां विभिन्न स्कूलों से आए ये बच्चे इस कमी को पूरा कर रहे हैं। इन दिनों ये बच्चे यहां ट्रैकिंग करने के लिए पहुंचे हुए हैं। वहीं रॉक क्लाइबिंग का अवसर भी पा रहे हैं। बच्चों की चहल-पहल से मानसर के स्थानीय लोगों में भी उत्साह है। उनका कहना है कि इस तरह के कार्यक्रमों से भी पर्यटन को बल मिलता है। आयोजक इस शिविर के दौरान भी कोरोना की रोकथाम से संबंधित सभी दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं।
बहरहाल ट्रैकिंग शिविर में भाग लेने आए बच्चों को सुबह शाम मानसर झील घूमने का अवसर दिया जाता है। इस दौरान ये बच्चे ट्रैकिंग तो करते ही हैं, वहीं यहां के स्थानीय लोगों से वन बूटी के बारे में भी पूछ रहे हैं। मानसर झील के इतिहास के बारे मेें भी जानकारी जुटा रहे हैं। झील में पल रही मछलियों को देखकर खुश हो रहे हैं। इन बच्चों को आसपास के जंगल में भी ट्रैकिंग का मौका दिया जाता है।
शाम के समय रॉक क्लाइबिंग का कार्यक्रम होता है। इसमें बच्चों को रस्सी के सहारे चट्टान पर चढ़ने व उतरने का गुर सिखाया जाता है। मीरा साहिब की शिवाली ने बताया कि इस कार्यक्रम में भाग लेकर उनको खूब आनंद आया। चट्टान पर रस्सी के सहारे चढ़ने व उतरने का अवसर मिला, वह बहुत साहसिक रहा। वहीं जंगल की ट्रैकिंग अच्छी लगी।
पीर पंचाल एडवेंचर वच खेल विभाग के सहयोग से कराए जा रहे इस कार्यक्रम से बच्चों में भी खूब उत्साह हैं। पीर पंचाल एडवेंचर के संजय बंद्राल का कहना है कि इस तरह के कार्यक्रम वे समय समय पर चलाते रहते हैं। इसी सप्ताह अब दूसरे स्कूलों से बच्चे यहां पहुंच जाएंगे। बच्चों के रहने खाने का यहां पर बंदोबस्त किया गया है।