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मानसिक एवं आध्यात्मिक शांति के लिए प्रभु के शरण में जाना जरूरी : सुरेश शास्त्री

यज्ञ के दौरान कथा-प्रवचन का भी आयोजन किया जा रहा है। सुरेश शास्त्री जी ने यहां मौजूद श्रद्धालुओं को प्रभु के शरण की महिमा का बखान किया। उन्होंने कहा कि मानसिक और आध्यात्मक शांति के लिए प्रभु सुमिरन ही एक मात्र साधन है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Fri, 31 Dec 2021 01:14 PM (IST)Updated: Fri, 31 Dec 2021 01:14 PM (IST)
मानसिक एवं आध्यात्मिक शांति के लिए प्रभु के शरण में जाना जरूरी : सुरेश शास्त्री
सुरेश शास्त्री जी ने यहां मौजूद श्रद्धालुओं को प्रभु के शरण की महिमा का बखान किया।

ज्यौड़ियां, संवाद सहयोगी : कोरोना महामारी जैसी प्राकृतिक आपदाओं से मानवता की रक्षा एवं विश्व शांति के लिए कोड़ेवाला गांव में सुरेश शास्त्री जी के सानिध्य में महाविष्णु यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भारी संख्या में स्थानीय एवं आसपास के क्षेत्रों के श्रद्धालुओं ने भाग लेकर अपने एवं परिवार की खुशहाली की प्रार्थना कर रहे हैं। इस यज्ञ के दौरान कथा-प्रवचन का भी आयोजन किया जा रहा है। सुरेश शास्त्री जी ने यहां मौजूद श्रद्धालुओं को प्रभु के शरण की महिमा का बखान किया। उन्होंने कहा कि मानसिक और आध्यात्मक शांति के लिए प्रभु सुमिरन ही एक मात्र साधन है।

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सुरेश शास्त्री ने कहा कि धन-अर्जन के अलावा हर प्रकार के सुख संसाधनों को एकत्र करने के लिए मानव के पास कई प्रकार के प्रायोजन उपलब्ध हो सकते हैं। धन-वैभव एवं अन्य सुख साधनों के द्वारा मानव को शारीरिक एवं सांसारिक सुख हासिल हो सकता है, परंतु मानसिक एवं आध्यात्मिक शांति प्रभु की शरणागत बिना हासिल नहीं की जा सकती। उन्होंने यज्ञ में सम्मिलित संगत से आह्वान किया कि वह अपने बच्चों को मंदिरों में पूजा-अर्चना करने के साथ-साथ सनातन धर्म-संस्कृति के बारे में भी ज्ञान दें ताकि उनमें संस्कारों का उत्सर्जन होने के अलावा बुजुर्गों एवं साधु-संतों के प्रति श्रद्धा एवं आदर भाव जागृत किए जा सकें।

उनका कहना था कि हमारी भविष्य की पीढ़ियां हमारे समाज तथा राष्ट्र को नई उंचाइयों तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली हैं, जिसके चलते इनके चरित्र निर्माण के लिए हमें अपने उतरदायत्वि को निभाने के लिए हर संभव प्रयत्न करना होगा। वही एसएसपी मोहन लाल ने कहा कि हर गांव में ऐसे यज्ञ होने चाहिए क्योंकि इससे हमारे बच्चों को सनातन धर्म का पता चल सके और उनमें संस्कार आएं। उन्होंने कहा कि शास्त्री जी के बताए हुए मार्ग पर चलें। इस मौके पर सरपंच मंगा राम, राम शर्मा, डॉ. देविंदर शर्मा, बिल्ला शर्मा मौके पर उपस्थित थे।


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