Mahashivratri 2021: महाशिवरात्रि 11 मार्च को, जानें शिवरात्रि मुहूर्त और ऐसे करें पूजा
मंदिरों वाले शहर जम्मू में शायद ही कोई गली मोहल्ला होगा यहां शिव मंदिर न हो।इन दिनों इन मंदिरों में साफ सफाई रंग रोगन का कार्य तेजी से चल रहा है। शिवभक्तों के सबसे बडे़ पर्व महाशिवरात्रि को लेकर खासा उत्साह बना हुआ है।
जम्मू, जागरण संवाददाता : महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि 11 मार्च गुरुवार को मनाई जाएगी। इन दिनों शहर इस महापर्व की तैयारियों में जुटा हुआ है। हर ओर शिवरात्रि को लेकर विशेष उत्साह है। कहीं शिव विवाह की तैयारियां चल रही हैं तो कहीं विशेष पूजा अर्चना की तैयारियां चल रही हैं।
मंदिरों वाले शहर जम्मू में शायद ही कोई गली मोहल्ला होगा, यहां शिव मंदिर न हो।इन दिनों इन मंदिरों में साफ सफाई, रंग रोगन का कार्य तेजी से चल रहा है। शिवभक्तों के सबसे बडे़ पर्व महाशिवरात्रि को लेकर खासा उत्साह बना हुआ है। मंदिरों में लगरों के आयोजन को लेकर भी सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। खासकर श्री रणबीरेश्वर मंदिर, शिव मंदिर पीरखो, पंजबख्तर मंदिर, आप शम्भू मंदिर रूपनगर आदि सभी मंदिरों में तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। मंदिर प्रबंधन अपने तौर इस कोशिश में जुटे हैं कि किसी भी श्रद्धालु को किसी परेशानी का सामना न करना पडे़।
रोहित शास्त्री ने बताया ज्योतिष शास्त्र की दृष्टिकोण से शिवरात्रि पर्व चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ अर्थात स्वयं शिव ही हैं। इसलिए प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को माशिवरात्रि के रूप में मनाई जाती है। उन सभी में सबसे महत्वपूर्ण फाल्गुन कृष्ण पक्ष की महाशिवरात्रि होती है। फाल्गुन माह की शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था।ज्योतिष शास्त्रों में इस तिथि को अत्यंत शुभ बताया गया है।
शिवरात्रि मुर्हूत
चतुर्दशी तिथि आरंभ 11 मार्च, गुरुवार दोपहर 02.40 बजे होगी। समाप्त 12 मार्च, शुक्रवार दोपहर 03.03 बजे होगी। शिवरात्रि पूजा मुहूर्त निशीथ काल पूजा मुहूर्त 24.07 से 24.57 बजे। शिवरात्रि व्रत पारण समय 06.35 से 15.03 बजे 12 मार्च 2021 शुक्रवार। 11 मार्च गुरुवार रात्रि के समय भगवान शिव का पूजन एक से चार बार किया जाएगा। यह भक्तों पर निर्भर करता है कि वे किस तरह महादेव की पूजा करना चाहते हैं। रात्रि पहले प्रहर पूजा का समय शाम 6.26 से 9.28 तक ।रात के दूसरा प्रहर में पूजा का समय रात 9.29 से रात 12.30 तक।तीसरा प्रहर पूजा का समय रात 12.31 से 03.31 तक। चौथा प्रहर पूजा का समय 03.31 से 06.33 तक।
ऐसे करें पूजा अर्चना
विधिपूर्वक व्रत रखने पर गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, फूल, शुद्ध वस्त्र, बिल्व पत्र, धूप, दीप, नैवेध, चंदन का लेप, ऋतुफल, आक धतूरे के पुष्प, चावल आदि डालकर शिवलिंग को अर्पित किये जाते है।महाशिवरात्रि को शिवपूजन शिवपुराण, रुद्राभिषेक, शिव कथा, शिव स्तोत्रों व ॐ नम: शिवाय का पाठ करते हुए रात्रि जागरण करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्राप्त होता हैं। माना जाता है कि महाशिवरात्रि का व्रत मोक्ष की प्राप्ति होती है। शिव पूजा सभी पापों का क्षय करने वाला है।
महिलाओं के लिए विशेष महत्व
महिलाओं के लिए शिवरात्रि का विशेष महत्व है। अविवाहित महिलाएं भगवान शिव से प्रार्थना करती हैं कि उन्हें उनके जैसा ही पति मिले।वहीं विवाहित महिलाएं अपने पति और परिवार के लिए मंगल कामना करती हैं।
महाशिवरात्रि के व्रत को रखने वालों को उपवास के पूरे दिन भगवान शिव शंकर का ध्यान करना चाहिए। प्रात: स्नान करने के बाद भस्म का तिलक कर रुद्राक्ष की माला धारण की जाती है। अगर शिव मंदिर में पूजन, जाप करना संभव न हों, तो घर में, किसी शान्त स्थान पर जाकर पूजन, जाप किया जा सकता हैं। शिव की आराधना इच्छा-शक्ति को मज़बूत करती है और अन्तःकरण में अदम्य साहस व दृढ़ता का संचार करती है।
इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि भोलेनाथ पर चढ़ाया गया प्रसाद न खाएं।अगर शिव की मूर्ति के पास शालीग्राम हो, तो प्रसाद खाने में कोई दोष नहीं होता।
आस्था के साथ सावधानी भी जरूरी
महाशिवरात्रि का जोश अभी से दिखने लगा है। शिवालयों के दर्शनों के अलावा लंगरों के आयोजन को लेकर भी विशेष उत्साह दिख रहा है।ऐसे में हमें यह भी नहीं भूलना है कि कोरोना संक्रमण अभी समाप्त नहीं हो गया है। कोरोना का खौफ अभी भी बना हुआ है। हम लोगों को कोरोना के साथ जीने की आदत बनानी पड़ रही है। हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि पर्व त्योहारों के जोश में कोरोना की सावधानियों को न भूलें। शारीरिक दूरी बनाए रखने के साथ-साथ हमें दूसरी सभी सावधानियों का भी तरीके से पालन करना होगा।