Jammu Kashmir Republic Day Parade 2021: कश्मीर के मदरसा जामिया सिराज उल उलूम ने पहली बार मनाया जम्हूरियत का जश्न, कई आतंकवादी वारदातों में शामिल आतंकियों का मदरसे से रह चुका है नाता
वादी में जश्न ए जम्हूरियत के जोश में आतंकियों का गढ़ कहे जाने वाले शोपियां में स्थित मदरसा जामिया सिराज उल उलूम भी रहा। पुलवामा कांड अन्य कई आतंकी वारदाताें में शामिल रहे करीब एक दर्जन आतंकियों का इस संस्थान से कथित तौर पर प्रत्यक्ष-परोक्ष रुप से संबंध रहा है।
श्रीनगर, नवीन नवाज । जिहादी और अलगाववादी सियासत से आजाद जम्मू कश्मीर अब जम्हूरियत का जश्न मना रहा है। अब किसी को जिहादियों का डर नहीं सताता। उल्टा जम्हूरियत के जोश से सरोबार कश्मीरियाें के सामने आने से वह डरते हैं। इसकी तस्दीक जामिया सिराज उल उलूम में झंडारोहण भी करता है।शोपियां के इमामसाहब इलाके में स्थित यह मदरसा अक्सर अपने जिहादी क्नेकशन के कारण अक्सर सुर्खियां बटाेरता रहा है। अब यह अपनी बदनाम छवि को पीछे छोड़ आगे बढ़ चुका है।
बीते 72 सालों में यह पहला मौका है जब कश्मीर में किसी मदरसे में गणतंत्र दिवस समारोह मनाया गया हो। मंगलवार को जब पूरे देश में गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा था तो कश्मीर भी जगह जगह तिरंगा रैलियां और झंडारोहण देखने को मिला। हालांकि ठंड खूब थी लेकिन जम्हूरीयत के जोश और रोमांच में ने शून्य से नीचे के तापमान में भी गर्मी का अहसास कराया।कश्मीर में सरकारी स्तर पर गणतंत्र दिवस का मुख्य समाराेह शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम श्रीनगर में मनाया गया है। उपराज्यपाल मनोज कुमार सिन्हा के सलाहकार बसीर अहमद खान ने झंडारोहण किया। इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए गए। सरकारी समारोहों के अलावा भी वादी के विभिन्न शहरों पर कस्बों में लोगों ने गणतंत्र दिवस समारोह , जश्न ए जम्हूरियत मनाया।
यह मदरसा प्रतिबंधित जमात ए इस्लामी से जड़ा बताया जाता है
वादी में जश्न ए जम्हूरियत के जोश में आतंकियों का गढ़ कहे जाने वाले शोपियां में स्थित मदरसा जामिया सिराज उल उलूम भी रहा। हिलू, इमामसाहब में स्थित यह मदरसा प्रतिबंधित जमात ए इस्लामी से जड़ा बताया जाता है। पुलवामा कांड और अन्य कई आतंकी वारदाताें में शामिल रहे करीब एक दर्जन आतंकियों का इस संस्थान से कथित तौर पर प्रत्यक्ष-परोक्ष रुप से संबंध रहा है।
एनआइए भी इस संस्थान से संबधित मामलों की जांच कर रही है
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) भी इस संस्थान से संबधित मामलों की जांच कर रही है। बीते साल प्रदेश प्रशासन ने जामिया सिराज उल उलूम से संबधित तीन अध्यापकाें को जन सुरक्षा अधिनियम के तहत बंदी बनाया था।गणतंत्र दिवस के मौके पर जामिय सिराज उल उलूम के परिसर में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जमा हाेने लगे थे। हालांकि परिसर में चारों तरफ बर्फ की चादर बिछी हुई थी,लेकिन सब इससे बेपरवाह थे। पहले तय हुआ कि झंडारोहण किसी स्थानीय छात्र से कराया जाए लेकिन स्थानीय लोगों ने तय किया कि यह सम्मान किसी बुजुर्गको मिलना चाहिए। बारबुग के नंबरदार को यह सम्मान मिला। तिरंगा फहराया गया, राष्ट्रगान हुआ। हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारेे लगे। लोगों ने अपने इलाके को जिहादी तत्वों से आजाद रखने और जम्हूरियत की मशाल का रोशन रखने की कसम ली। करीब एक घंटे तक चले इस समारोह में लाेग बर्फ में ही बैठे रहे।
जामिया सिराज उल उलूम के चेयरमैन माेहम्मद युसुफ मांटु ने कहा कि हमारे संस्थान को किन्ही कारणों से बदनाम किए जाने की कोशिश होती रही है। हिंसा में शामिल जिन लोगों को हमारे संस्थान से संबधित बताया गया है, वह हमारे संस्थान में नहीं पढ़ाते थे। हमने हमेशा जांच में सहयोग किया है।हम लाेग वतनपरस्त हैं। हम इस्लाम को मानते हैं, इस्लाम सिर्फ अमन, सच्चाई और वतनपरस्ती की बात करता है।
युवाओं ने अपने वाहनों में सवार हो एक तिरंगा रैली का आयोजन किया
उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे जिला कुपवाड़ा के विलगाम इलाके में जश्न ए जम्हूरियत का जोश रहा। स्थानीय युवाओं ने अपने वाहनों में सवार हो एक तिरंगा रैली का आयोजन किया। यह रैली कस्बे के विभिन्न इलाकाें से गुजरी। रैली जब भी किसी भीड़ भरे इलाके से गुजरती तो वहां मौजूद लाेग हिंदुस्तान जिंदाबाद का नारा लगाकार इसका स्वागत करते।
कश्मीर में जश्न ए जम्हूरियत अब यहां हमेशा के लिए रहेगा
कश्मीर मामलों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार फैयाज अहमद वानी के मुताबिक, यह जिहादी तत्वों और मौकापरस्त सियासत से आजादी का जश्न है। कश्मीर में अब आपको आने वाले समय में जगह जगह तिरंगा नजर आया करेगा। कश्मीर में जश्न ए जम्हूरियत का आगाज हो चुका है और यह जश्न अब यहां हमेशा के लिए रहेगा।