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उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा- सामुदायिक भागीदारी की मजबूती से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है

Jammu Kashmir साइंस के महत्व को जोर देते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि कोरोना से यह सीखा है कि कोई भी देश अलग-थलग नहीं रह सकता। हमें मिलकर चुनौतियों का सामना करना है। विश्व की सभी देशों को इकट्ठे होकर काम करना चाहिए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 09 Jun 2021 11:45 AM (IST)Updated: Wed, 09 Jun 2021 11:45 AM (IST)
उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा- सामुदायिक भागीदारी की मजबूती से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है
चायत स्तर पर लड़कियों लड़कियों की पहचान की गई है जिन्हें उद्यमी बनाया जा रहा है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि किसी भी चुनौती का सामना सामुदायिक भागीदारी को मजबूती करके किया जा सकता है। हमारी सरकार का ध्यान पारदर्शी जिम्मेदार और लोगों तक पहुंच बनाकर साफ सुथरा शासन उपलब्ध करवाना है। जम्मू कश्मीर सरकार ने नागरिक केंद्रित रवैया अपनाकर कोरोना की रोकथाम के लिए कदम उठाए हैं और बेहतर सेवाएं लोगों को उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

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उपराज्यपाल ने प्रोजेक्ट युग परिवर्तन ग्लोबल सम्मेलन 2021 में वर्चुअल मोड से मुख्य भाषण दिया। यह सम्मेलन 4 जून से शुरू हुआ और 8 जून को संपन्न हुआ। सम्मेलन को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि चुनौती का सामना सामुदायिक भागीदारी को मजबूत करके किया जा सकता है चाहे प्राकृतिक आपदा हो या व्यक्तियों द्वारा पैदा की गई जटिल समस्या, समुदाय को मजबूत किया जाना चाहिए और आत्मनिर्भर बनाया जाना चाहिए। स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करके यह किया जा सकता है। हम यह सुनिश्चित बना रहे हैं लोगों को पारदर्शी और जिम्मेदार शासन मिले।

हर नागरिक का उत्थान हो। लोग पहले, की नीति के महत्व को उजागर करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि राजनीतिक आर्थिक और सामाजिक संस्थान सिस्टम के सफल होने में लोग पहले की भूमिका अहम है। आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा इस समय एक छोटी अवधि का सिस्टम है लेकिन इसके लिए जो नीतियां हैं वह लंबे समय के विकास के लिए नया रोडमैप में आते हैं। मौजूदा समय में मानवता पुनर्निर्माण में व्यस्त है।साइंस और तकनीक के क्षेत्र में लोग कड़ी मेहनत कर रहे हैं। कुछ लोग दिखाई नहीं दे रहे लेकिन उनका प्रभाव जल्दी ही सामने आएगा।

साइंस के महत्व को जोर देते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि कोरोना से यह सीखा है कि कोई भी देश अलग-थलग नहीं रह सकता हमें मिलकर चुनौतियों का सामना करना है। राष्ट्र के पुनर्निर्माण पुर्नसृजन और विश्व के यह एक पहलू है कि विश्व की सभी देशों को इकट्ठे होकर काम करना चाहिए। भविष्य का विज्ञान मानवता की सेवा के लिए होना चाहिए और भविष्य की तकनीक लोगों की जरूरतों के अनुसार होनी चाहिए। स्वास्थ्य के क्षेत्र में पहले इतना सुधार नहीं हुआ जितना एक साल में हुआ है। कोरोना योद्धाओं और स्वस्थ कर्मियों की भूमिका की सराहना करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि डॉक्टरों, नर्सों, वार्ड ब्वाॅयज, एंबुलेंस ड्राइवरों और अन्य प्रतिनिधियों ने जरूरतमंद लोगों तक पहुंच बनाई।

उपराज्यपाल ने कहा लोगों ने यह महसूस किया है कि वे सही नायक हैं और भी पीछे छिपे हुए हैं। पूरा विश्व मुश्किल के दौर में है और यह समय है जब साइंस और तकनीक अपनी खोज के लिए शिखर पर है। एक साल से भी कम समय में वैक्सीन की खोज की गई और सरकारें लोगों तक पहुंचाने में सफल हो रही हैं। यह मेरा निजी अनुभव है कि हम समाज में बदलाव के लिए आगे बढ़ सकते हैं। रिस्पांस, रिकवरी और रिबिल्डिंग का जिक्र करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि हमने पिछले साल अगस्त में शुरू किया था और दूसरी लहर के आने से पहले 23 आक्सीजन प्लांट स्थापित कर दिए गए।

छह महीने के अंदर स्थापित किए गए जम्मू और कश्मीर में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है हम और 40 आक्सीजन प्लांट शुरू कर रहे और इन्हें बढ़ाकर आने वाले दिनों में 99 कर दिया जाएगा। उपराज्यपाल ने कहा कि केरल के बाद जम्मू-कश्मीर देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में दूसरे नंबर पर है। जिसमें आज हमारे 4 जिलों में 45 से ऊपर की आयु के 100 फीसद लोगों का टीकाकरण हो चुका है अन्य जिलों में भी 100 फीसद लक्ष्य हासिल करने के प्रयास कर रहे हैं।

उपराज्यपाल ने भी विकेंद्रीयकरण का उदाहरण देते हुए कहा कि कोरोना की चुनौतियों के बीच हमने सामुदायिक स्वास्थ्य का विकेंद्रीकरण किया और पंचायत स्तर पर ढांचे को मजबूत किया गया। कोविड केयर सेंटर पंचायतों में खोले गए। जब लोगों को जरूरत थी तो हम सीधे उन तक पहुंचे और अस्पतालों को जिलों के साथ जोड़ा गया। कोरोना के दौरान जिन परिवारों ने कमाऊ सदस्य खो चुके हैं उनके उनके लिए पेंशन शुरू की गई और बच्चों को स्कॉलरशिप शुरू की गई। उसके बाद कई राज्यों ने इसे अपनाया।

उपराज्यपाल ने कहा कि लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर नीतिगत फैसले किए जा रहे हैं। जम्मू कश्मीर में छोटे प्रयोग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले साल म हमने योजनाओं में जनकक्षाओं को जगह दी और हम इसके हमें इसके अच्छे परिणाम हासिल हुए हैं। हम जनभागीदारी के साथ कार्य कर रहे हैं और पंचायत स्तर पर लड़कियों लड़कियों की पहचान की गई है जिन्हें उद्यमी बनाया जा रहा है।

नीति आयोग की संतुलित विकास लक्ष्य रिपोर्ट का जिक्र करते हुए सिन्हा ने कहा कि जम्मू कश्मीर प्रीफामर्स की श्रेणी में है। हमने उत्पादन, तकनीक, कृषि, ढांचागत विकास, मानव संसाधन विकास, स्वास्थ्य और जन सेवा में बेहतर किया है। हमारे समाज प्रणाली में हर हर नागरिक के लिए जगह है इसके लिए हम बेहतर भविष्य बनाएंगे।

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