जम्मू कश्मीर में आतंकियों की संख्या 200 से कम होना बड़ी उपलब्धि : लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी
उत्तरी कमान प्रमुख ने कहा कि हर वर्ष की तरह पिछला वर्ष भी उत्तरी कमान के लिए उल्लेखनीय वर्ष था। जिसमें वीरों ने हर चुनौती का भरपूर सामना करते हुए दुश्मनों को नापाक इरादों को नाकाम किया। जम्मू कश्मीर लद्दाख के सामरिक महत्व को हर कोई जानता है।
ऊधमपुर, अमित माही। कई वर्षों के बाद जम्मू और कश्मीर में आतंकियों की संख्या 200 से कम होना उल्लेखनीय उपलब्धि है। जो आवाम के लिए मुबारक और सेना सहित सभी सुरक्षाबलों के लिए गर्व की बात है। सैनिकों की मदद के लिए स्टेट आफ आर्ट तकनीक को सेना में शामिल किया जा रहा है। यह बातें उत्तरी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने उत्तरी कमान मुख्यालय में आयोजित अलंकरण समारोह में यूनिटों को अलंकृत करने के बाद अपने संबोधन में कही।
There has been a reduction in terrorist-related incidents as a result of tireless efforts of security forces & people of J&K: General Officer-Commanding-in-Chief, northern command, Lt Gen YK Joshi at northern command investiture ceremony at its headquarters in Udhampur pic.twitter.com/pjqqPN3k9y
— ANI (@ANI) January 22, 2022
उत्तरी कमान प्रमुख ने कहा कि हर वर्ष की तरह पिछला वर्ष भी उत्तरी कमान के लिए उल्लेखनीय वर्ष था। जिसमें वीरों ने हर चुनौती का भरपूर सामना करते हुए दुश्मनों को नापाक इरादों को नाकाम किया। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर लद्दाख के सामरिक महत्व को हर कोई जानता है और सेना ने इस इलाके की सुरक्षा के प्रति अपने कर्तव्य को बखूबी निभाया है। उत्तरी कमान ने एलएसी, एलओसीटी, एजीडीएल, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपना नियंत्रण पूर्ण रूप से स्थापित रखने के सात आतंरिक सुरक्षा पर भी कड़ा नियंत्रण रखा है।
पूर्वी लद्दाख में सैनिकों ने चीन की पीएलए के साथ कई इलाकों से डिसएंगेजमेंट को सकारात्मक रूप से अंजाम दिया है। पीएलए के साथ बाकी इलाकों से भी डिसएंगेजमेंट के लिए वार्ता की प्रकिया जारी है। इसके साथ ही सेना ने उन बर्फीली चोटियों पर सतर्कता बरकार रखी है और यह वीरों अद्मय साहस, शौर्य और दृढ़ संकल्प का जीता जागता उदाहरण है। आपरेशन स्नो लेपर्ड बरकार है, सैनिक हमेशा की तरह अभी भी चौकस और तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि एलएसी पर पिछले एक साल से जारी युद्ध विराम का सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों दिनचर्या और जीवनशैली में काफी सुधार हुआ है। हालांकि पाकिस्तान से आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश अभी भी हो रही है, जिसे सैनिक सतर्कता और अदम्य साहस के साथ लगातार विफल कर रहे हैं। सैनिकों की मदद के लिए तकनीक का भरपूर प्रयोग किया जा रहा है, स्टेट आफ आर्ट तकनीक को सेना में शामिल कर रहे हैं। बीते वर्ष में सुरक्षा और स्थिरता के सभी मापदंडों में भारी सुधार हुआ है। आतंकवाद का बहिष्कार कर आवाम ने भी बता दिया है कि अलगाववाद और बंदूक की संस्कृति के लिए अब कोई जगह नहीं है।
उत्तरी कमान प्रमुख ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर का प्रभाव देश में फैला हुआ है। पहले की तरह उत्तरी कमान ने दोनों केंद्र शासित प्रदेश सरकार के साथ मिल कर आवाम की मदद का बीड़ा उठा रखा है। इस महामारी के खिलाफ सेना पूरी तरह से लोगों के साथ हैं और निस्वार्थ भाव से उनकी सेवा के लिए तत्पर हैं। मार्च 2020 से लेकर अब तक फौज के सभी स्वास्थ्य देखभाल कर्मी बिना अपने प्राणों की चिंता किए देश और नागरिकों की सेवा में लगे हैं।