LOC गोलाबारी के बावजूद सेना के साथ डटे हुए हैं सीमांतवासी, सरकार और सेना पर पूरा भरोसा
सुंदरबनी से पुंछ तक 20 सेक्टरों में हर रोज गोलाबारी कर रही पाक सेना। अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तरफ जाने के लिए तैयार नहीं लोगजवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार।
राजौरी, जागरण संवाददाता। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए पाक सेना सुंदरबनी से पुंछ तक नियंत्रण रेखा पर लगभग 20 सेक्टरों में हर रोज गोलाबारी कर रही है। गोलाबारी से सीमांत गांवों में डर का माहौल बना हुआ है, लेकिन लोग अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तरफ जाने के लिए तैयार नहीं हैं। वे सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार हैं। उन्हें केंद्र सरकार और सेना पर पूरा भरोसा है।
डींग पंचायत के सरपंच रोमेश कुमार चौधरी का कहना है कि पाक सेना हर रोज हमारे घरों को निशाना बनाकर गोलाबारी कर रही है, लेकिन अभी तक गांव का एक भी व्यक्ति पलायन करके सुरक्षित स्थानों पर नहीं गया है। हमारे लोग सेना के साथ हैं और हमेशा रहेंगे। अगर हमारे जवान गोलियों के बीच रह सकते हैं तो हम क्यों नहीं। हमें केंद्र सरकार और सेना के जवानों पर पूरा भरोसा है।
हमारी सेना पाक सेना को मुंहतोड़ जवाब दे रही है। जबकि केंद्र सरकार पाकिस्तान को हर मंच पर बेनकाब कर रही है। अगर सेना व सरकार हमारे साथ है तो हमें घर छोड़ने की जरूरत नहीं है। बालाकोट के मुहम्मद हनीफ व बसूनी के मुश्ताक अहमद ने बताया कि गत दिनों हमारे बच्चे स्कूलों में फंस गए थे। सेना के जवान हम लोगों के लिए फरिश्ते बनकर आए और हमारे बच्चों को भारी गोलाबारी के बीच स्कूलों से निकाल कर घरों तक पहुंचाया। हम सेना के साथ हैं और जवानों को छोड़ कर कहीं जाने वाले नहीं हैं।
मारे गए तो यहीं पर, जीए तो यहीं पर। उन्होंने कहा कि सेना ही सीमांत क्षेत्रों के विकास, चिकित्सा सुविधा व पेयजल की सुविधा मुहैया करवा रही है। पाक सेना चाहे जितने भी गोले बरसा ले, लेकिन हम अपना घर नहीं छोड़ेंगे। मेंढर के बशीर अहमद, मुहम्मद अतीक व फरीद अहमद ने बताया कि पाक सेना हर रोज गोलाबारी कर रही है ताकि हम लोग अपना घर छोड़ कर पीछे चले जाएं, लेकिन यह संभव नहीं है। हम न तो पहले अपना घर छोड़ कर गए और न अब जाने वाले हैं। हम सेना के साथ खड़े हैं।
तीसरी आंख की नजर में रहेगा किश्तवाड़
जानकारी हो कि आतंकी वारदातें बढ़ते देख शहर पर अब पर 'तीसरी आंख' की भी नजर रहेगी। संवेदनशील किश्तवाड़ शहर में 36 जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया चल रही है। इनमें आधे से ज्यादा कैमरे लग चुके हैं। कुछ तो काम भी कर रहे हैं।
वर्ष 2009 की है योजना :
सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना वर्ष 2009 में तत्कालीन नेकां सरकार ने बनाई थी। इसके लिए निजी कंपनी को यह काम सौंपा। कंपनी ने शहर में टावर लगाने के लिए 36 जगह चिन्हित कीं। सभी टावर लगा दिए, लेकिन काम आगे इसलिए नहीं बढ़ा क्योंकि बिजली कनेक्शन, कंट्रोल रूम आदि कई दिक्कतें कीं। उस कारण कैमरे नहीं लग पाए। उसके बाद यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई।
दिल्ली तक पहुंची थी आवाज :
एक नवंबर 2018 को जब भाजपा के प्रदेश सचिव अनिल परिहार और उसके भाई अजीत परिहार की हत्या हुई तो उसके बाद किश्तवाड़ से भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली गया। वहां जाकर उस समय के गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मिल मांगें उजागर कीं जिनमें शहर के अंदर सीसीटीवी कैरम लगाने की मांग शामिल थी। सभी ने जल्द सीसीटीवी लगाने का आश्वासन दिया। उसके बाद जब नौ अप्रैल आरएसएस कार्यकर्ता चंद्रकांत शर्मा की हत्या का दी गई। इसके बाद लोगों व भाजपा ने दोबारा मांग उजागर की। इसके बाद इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कैमरे लगाने का काम तेज हो गया जिनके कंट्रोल रूम का उद्घाटन मंगलवार को जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने किया।
यहां लगे हैं सीसीटीवी :
हडियाल चोट, बस स्टैंड, शहीदी मजार, डाक बंगला चौक, कुलीद चोट, न्यू डीसी ऑफिस कांप्लेक्स और जलना क्षेत्र में सीसीटीवी काम कर रहे हैं। अन्य जगहों में करीब एक सप्ताह में पूरा शहर सीसीटीवी कैमरे की जिद में होगा। जल्द पूरे शहर पर इन कैमरों के जरिए तीसरी आंख निगरानी करेगी।
बिजली घंटे बिजली सप्लाई :
24 घंटे बिजली सप्लाई इन कैमरों को मिलती रहेगी। कैमरों की ऊंचाई इतनी रखी है कि आसानी से कैमरा दूर-दूर तक अपनी नजर रख सकता है।