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Jammu Farmers: जम्मू में लीची की खेती करना किसानों के लिए बन रहा है फायदे का सौदा

जम्मू की लीची का कोई मुकाबला नही। क्योंकि इसका स्वाद अच्छा है और रंग भी बेहतर है। यही करण है कि जम्मू के किसानों का रुझान लीची की खेती की ओर बन रहा है। मढ़ सतवारी आरएस पुरा में इसके बाग लगाए गए हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Wed, 25 Aug 2021 08:55 PM (IST)Updated: Wed, 25 Aug 2021 08:55 PM (IST)
Jammu Farmers: जम्मू में लीची की खेती करना किसानों के लिए बन रहा है फायदे का सौदा
जम्मू की लीची देहरादून से कहीं कम नही। इसका स्वाद लाेगों को भाता है।

जम्मू, जागरण संवाददाता । लीची की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा बन रही है। यही कारण है कि किसानों का रुझान इस खेती की ओर बढ़ा है। यही कारण है कि जिले में इसका दायरा 364.80 हेक्टेयर में पहुंच गया है। अब जम्मू जिले से ही 910.65 मीट्रिक टन इसकी पैदावार मिल रही है।

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किसानों का कहना है कि जम्मू की लीची का कोई मुकाबला नही। क्योंकि इसका स्वाद अच्छा है और रंग भी बेहतर है। यही करण है कि जम्मू के किसानों का रुझान लीची की खेती की ओर बन रहा है। मढ़ सतवारी, आरएस पुरा में इसके बाग लगाए गए हैं। बडुई गांव के शाम सिंह का कहना है कि जम्मू में लीची की खेती तेजी से बढ़ रही है। क्योंकि लीची हर बार 70 से 80 रुपये प्रति किलो में बिक जाती है। जबकि इतने पैसे सब्जी या दूसरी खेती में नही। इसी लिए उन्होंने अपने बाग में 125 लीची के पौधे लगाए हैं जिनसे इस बार अच्छी फल मिला।

जम्मू की लीची देहरादून से कहीं कम नही

10 साल का पेड़ से अबकी 70 किलो लीची प्राप्त हुई। वहीं जम्मू की लीची देहरादून से कहीं कम नही। इसका स्वाद लाेगों को भाता है। यही कारण है कि हर लीची उत्पादक किसान को अच्छी कमाई होती है।

बागवानी अधिकारी विजय अंगुराना ने कहा कि एक हैक्टेयर में चार सौ पौधे लगाए जा सकते हैं। ऐसे में किसान सोच सकता है कि उसे हर साल कितना फायदा हो सकता है। एक हेक्टेयर की खेती में लीची लगाने वाले किसानों को सरकार अच्छी सब्सिडी भी देती है। किसानों को चाहिए कि वे लीची के बाग लगाने की दिशा में काम करें। एक बेरोजगार युवा अच्छा पैसा कमा सकता है। बड़ी बात यह है कि जम्मू में लीची की खेती के लिए बेहतरीन वातावरण है। युवाओं को इसका लाभ उठाना चाहिए। 


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