Jammu: गुजरात में आयोजित दांडी मार्च में उपराज्यपाल ने लिया भाग
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि गांधी जी ने दांडी मार्च को शुरू करने से पहले बापू ने कहा था कि मैं रास्ता जानता हूं यह सीधा लेकिन तंग है। यह तलवार की धार जैसा है लेकिन मुझे इस रास्ते पर चलने में खुशी होगी।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को गुजरात में आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव समारोह में हिस्सा लिया। वे सूर्य मंदिर बोरसाड में आयोजित दांडी मार्च में शामिल हुए। उन्होंने इस मौके पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि वह इस पवित्र भूमि में आकर अपने आप को धन्य समझते हैं। उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी लोगों का भी आभार जताया। उपराज्यपाल ने लौह पुरुष सरदार वल्लबभाई पटेल को भी उनके जन्मस्थल में जाकर श्रद्धांजलि दी।
दांडी मार्च में भाग लेने वाले सभी लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में रहने वाले लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने दांडी मार्च को शुरू करने से पहले बापू ने कहा था कि मैं रास्ता जानता हूं, यह सीधा लेकिन तंग है। यह तलवार की धार जैसा है, लेकिन मुझे इस रास्ते पर चलने में खुशी होगी। इसी संकल्प के साथ बापू ने अपने अन्य साथियों के साथ अहिंसा के रास्ते पर चलना शुरू किया। इससे अंग्रेजी हुकुमत हिल गई। उपराज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ मार्च की अपनी बैठक में आजादी का अमृत महोत्सव की रूपरेखा बताई थी। इसमें उन्होंने पांच सिद्धांत और मूल मंत्र दिए थे। स्वतंत्रता संग्राम, 75 वर्ष की उपलब्धियां, 75 वर्ष के संकल्प शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि हम सभी को यह त्योहार देश के प्रति अपना फर्ज समझ कर मनाना होगा। हमें विकसित भारत के सपने को पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में लोगों को बताना होगा। उनके बलिदान और त्याग की कहानियां लोगों तक पहुंचानी होगी। हमेंगांधी जी, सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, रानी लक्ष्मीबाई, लाला लाजपत राय, लोकमान्य तिलक केत्याग और बलिदान के बारे में बच्चों व युवा पीढ़ी को सुनानी होगी। उपराज्यपाल ने युवाओं से स्वतंत्रता सेनानियों से प्रेरणा लेकर देश के निर्माण में योगदान देने को कहा। उन्होंने कहा कि आजादी केकई वषों के बाद भी उन महान लोगों के त्याग, उनकी विशेषताओं के कारण आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त हुआ।
उन्होंने सरदार पटेल के की हिरासत के बाद ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा लिखी गई टेलीग्राम का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि किस प्रकार से महात्मा गांधी और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के संकल्प के कारण ब्रिटिश हुकुमत की नींव हिल गई थी। सांबा के बगूना के अपने दौरे को याद करते हुए उपराज्यपाल ने ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश के हर कोने में ऐसे स्वतंत्रता सेनानी हैं, जिनके बारे में लोगों को बताने की जरूरत है।