उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बोले- शहीदों की वीरता और स्वजन का त्याग नई पीढ़ी को देगा प्रेरणा
Martyrs of Jammu Kashmir आने वाले दो से तीन वर्ष में ग्रामीण क्षेत्रों में सभी मूलभूत सुविधाएं होगी। महिलाएं सशक्त होंगी। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि हिंसा की किसी भी सभ्य समाज में जगह नहीं होती।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को देश की खातिर शहीद हुए पुलिस व सेना के जवानों के स्वजन को सम्मानित किया। कार्यक्रम का आयोजन ग्लोबल स्ट्रेजिक पालिसी फाउंडेशन पुणे ने श्रीनगर के शेरे कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (एसकेआइसीसी) में किया था। सिन्हा मुख्य अतिथि व केरल के राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि शहीदों की वीरता और उनके स्वजन का त्याग नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्नोत है।
कार्यक्रम में शहीद लांस नायक अशोक चक्र विजेता नजीर अहमद वानी, सब इंस्पेक्टर सगीर अहमद पठान, मोहम्मद युसूफ, कीर्ति चक्र मेजर सुशील ऐमा, अशोक चक्र विजेता नायब सूबेदार चुन्नी लाल और शौर्य चक्र विजेता अब्दुल हमीद चारा व अन्य शहीदों के स्वजन मौजूद रहे। उपराज्यपाल ने कहा कि शहीदों के स्वजन देश भक्ति और त्याग की मिसाल हैं।
अशोक चक्र हासिल करने वाले शहीद लांस नायक नजीर अहमद वानी की पत्नी मेहजबीन अख्तर के त्याग और बहादुरी को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। उन्होंने मेजर सुशील ऐमा, जिन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र मिला था, को भी याद किया। वह 32 साल की उम्र में पुंछ सेक्टर में शहीद हो गए थे। सिन्हा ने कहा कि इनकी बदौलत ही जम्मू कश्मीर के लोग विकास और खुशहाली को देख रहे हैं। पहली बार यहां पर एक सफाई कर्मी का बेटा और बेटी भी प्रोफेशनल कोर्स करने का सपना देख रहे हैं।
आने वाले दो से तीन वर्ष में ग्रामीण क्षेत्रों में सभी मूलभूत सुविधाएं होगी। महिलाएं सशक्त होंगी। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि हिंसा की किसी भी सभ्य समाज में जगह नहीं होती। उन्होंने हाल के दिनों में लोगों की सामाजिक-आर्थिक हालात को बेहतर बनाने के लिए उठाए कदमों की सराहना की।
पति की शहादत पर गर्व: अशोक चक्र से सम्मानित लांस नायक नजीर अहमद वानी की पत्नी मेहजबीन अख्तर ने कहा कि किसी भी सिपाही के लिए देश से बड़ा कुछ भी नहीं है। उन्हें पति की शहादत पर गर्व है। यही नहीं, मेरे बच्चों को भी अपने पिता की शहादत पर नाज है। वह अक्सर कहा करते थे कि वह युद्ध के मैदान में अपने देश के लिए लड़ते हुए शहीद होना पसंद करेंगे। उनके लिए देश से बड़ा कुछ नहीं था। पूरे देश को भी उन पर गर्व है।
ये रहे मौजूद: सेवानिवृत्त वाइस एडमिरल अनूप सिंह, सेवानिवृत्त ले. जनरल सैयद अता हसनैन, सेवानिवृत्त ले.जनरल संजय कुलकर्णी ने भी अपने विचार रखे। कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर पांडूरंग के पोले, आइजीपी कश्मीर विजय कुमार, ग्लोबल स्ट्रेजिक पालिसी फाउंडेशन पुणे संस्था के प्रधान डा. अनंत भागवत, सचिव मनोज गोयल भी मौजूद थे।