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Jammu Kashmir: उपराज्पाल मनोज सिन्हा बोले- विकास, शांति और समृद्धि के दौर से गुजर रहा जम्मू कश्मीर

नीति आयोग की छठी गवर्निंग काउंसिल की बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने विकास कार्यों को गति देने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 08:09 AM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 08:09 AM (IST)
Jammu Kashmir: उपराज्पाल मनोज सिन्हा बोले- विकास, शांति और समृद्धि के दौर से गुजर रहा जम्मू कश्मीर
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि पांच अगस्त 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर को सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए कई अवसर मिले।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि पांच अगस्त 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर को सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए कई अवसर मिले जो दशकों से नहीं थे। जम्मू कश्मीर विकास, शांति और समृद्धि के दौर से गुजर रहा है। यहां के लोगों के बीच नई आशा जागी है। जम्मू कश्मीर में विकास को और बढ़ावा देने के लिए उपराज्यपाल सिन्हा ने केंद्र सरकार से प्रदेश में ड्राइ पोर्ट स्थापित करने की मांग को मंजूर करने को कहा। इससे देश के भीतर और बाहर दोनों ही जगहों पर व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।

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नीति आयोग की छठी गवर्निंग काउंसिल की बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने विकास कार्यों को गति देने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए उपराज्यपाल ने केंद्र सरकार से श्रीनगर और जम्मू को नियमित रूप से कमर्शियल इंटरनेशनल फ्लाइट के लिए खोलने को कहा। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में अगले दो वर्ष में आयात 1400 करोड़ से पांच हजार करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने वाटर एक्ट और एयर एक्ट 1981 के अधीन अनुमति लेने की प्रक्रिया को आसान बनाने और मंजूरी देने का समय चार महीने से कम कर तीस दिन करने को कहा।

प्रदेश में स्थापित हो पर्यावरण मंत्रालय का रीजनल कार्यालय :

उपराज्यपाल ने पर्यावरण मंत्रालय का रीजनल कार्यालय जम्मू कश्मीर में स्थापित करने का सुझाव दिया, ताकि पर्यावरण संबंधी मंजूरी समय पर मिल सकें। सरकार को किसी विशेष उत्पाद आधारित कार्यक्रम प्रायोजित करने की जरूरत है। आधारभूत ढांचे को विकसित करने वाली परियोजनाएं आने वाले बीस से तीस वर्षों की जरूरतों को देखकर बनाई जानी चाहिए। उपराज्यपाल ने सड़कों के निर्माण में नई तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया।

चौथी औद्योगिक क्रांति का माडल बनेगा जम्मू कश्मीर :

आर्थिक सुधारों पर उपराज्यपाल ने कहा कि मौजूदा औद्योगिक परिदृश्य भविष्य में लाभदायक और टिकाऊ पारिस्थितिकी तंत्र में बदल रहा है। इससे बेहतर शिक्षा, कौशल विकास और बेहतर जीवन की संभावना बढ़ रही है। रोजगार सृजन से लेकर उद्यमिता तक जम्मू कश्मीर को चौथी औद्योगिक क्रांति का माडल बनाएंगे। सरकार संस्थागत विकास पर काम कर रही है।

अर्थव्यवस्था में भी होगा सुधार :

उपराज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदेश में निर्माण में निवेश को बढ़ावा देने के लिए 28,400 करोड़ रुपये की नई औद्योगिक योजना को मंजूरी दी है। इससे जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा। सरकार ने वर्षों से लंबित पड़े प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए जम्मू कश्मीर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फाइनेंस कारपोरेशन बनाई और लंबित 2367 प्रोजेक्टों को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

पांच आधिकारिक भाषाओं में दी जाएगी शिक्षा :

प्राथमिक क्षेत्रों पर उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर कृषि और पर्यटन क्षेत्र पर निर्भर है। बागों में इमेङ्क्षजग सेंसर भी बनाने की योजना है। शिक्षा के क्षेत्र पर उन्होंने कहा कि शिक्षा सभी पांच आधिकारिक भाषाओं में दी जाएगी। उन्होंने सेहत योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में जम्मू-कश्मीर के प्रदर्शन, केसर की जीआइ टैङ्क्षगग, बासमती को बढ़ावा देने का भी जिक्र किया।


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