Jammu Kashmir: लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय 15वीं कोर के नए कमांडर बने, कश्मीर में कर चुके हैं कई आतंकरोधी अभियानों का संचालन
लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र प्रताप पांडेय ने बुधवार को सेना की 15वीं कोर की कमान औपचारिक रुप से संभाली। उन्हाेंने यह कायर्भार निवर्तमान कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू के स्थान पर संभाला है। लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू को दिल्ली स्थित सैन्य मुख्यालय में डीजीएमओ बनाया गया है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र प्रताप पांडेय ने बुधवार को सेना की 15वीं कोर की कमान औपचारिक रुप से संभाली। उन्हाेंने यह कायर्भार निवर्तमान कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू के स्थान पर संभाला है। लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू को दिल्ली स्थित सैन्य मुख्यालय में डीजीएमओ बनाया गया है।
1985 में भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से सिख लाइट इंफेंटरी रेजिमेंट में कमीशन प्राप्त करने करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय एनडीए के छात्र रहे हैं। वह उत्तरी कश्मीर में सक्रिय 8 सेक्टर राष्ट्रीय राइफल्स और सेना की किलाे फोर्स की कमान भी संभाल चुके हैं। उन्होंने कश्मीर में कई आतंकरोधी अभियानों का सफल संचालन किया है। लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय ने चिनार कोर की कमान संभालने क बाद कश्मीरी अवाम के नाम अपने संदेश में कहा कि वह कश्मीर में शांति, सुरक्षा और विश्वास का वातावरण बनाए रखने के लिए संकल्पबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि वह नागरिक प्रशासन, विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों, स्थानीय सिविल सोसाइटी और कश्मीर के आम अवाम के साथ मिलकर इस लक्ष्य को पाने लिए आगे बढ़ेंगे। उन्होंने सिविल सोसाईटी से कश्मीर को आतंकवाद मुक्त बनाने में सुरक्षाबलों के सहयोग का आह्वान किया है।
भारतीय सेना के डीजीएमओ के रुप में अपनी नयी जिम्मेदारी संभालने जा रहे लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू के कार्यकाल में कश्मीर घाटी में स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण रही। उन्होंने 2020 में आतंकवाद और कोविड-19 के मोर्चे पर अपनी नेतृत्व कार्यकुशलता का परिचय दिया। उन्होंने एलओसी पर स्थिति को बेहतर बनाने और पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को जवाब देते हुए वादी के भीतरी इलाकों में भी आतंकवाद पर नकेल कसी। उन्होंने वादी में आम अवाम और सेना के बीच रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए कई ठोस कदम उठाए जिनका लाभ आतंकरोधी अभियानों में जनसहयोग के रुप में भी मिला।
उन्होंने वादी में सेना की तरफ से युवाओं के खेल-संस्कृति महोत्सव, शिक्षा व कौशल विकास कार्य्रमों का भी आयोजन कराया। उन्हाेंने गुमराह हो आतंकी बने स्थानीय युवको को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए मां बुला रही है, नामक एक अभियान भी चलाया। यह अभियान उन्होंने दक्षिण कश्मीर में विक्टर फोर्स के GOC पद पर रहते हुए शुरु किया था। इस अभियान को उन्होंने चिनार कोर कमांउर बनने पर और आगे बढ़ाया। उन्होंने मुठभेड़ के दौरान भी आतंकियों के लिए सरेंडर के अवसर सुनिश्चित किए। वह उड़ी ब्रिगेड के भी कमांडर रहे हैं। घाटी में उनके उल्लेखनीय योगदान के मद्देनजर ही उन्हें उत्तम युद्ध सेवा पदक से भी सम्मानित किया गया है। आज दिल्ली रवाना होने से पूर्व कश्मीर की जनता और चिनार के सभी अधिकारियों व जवानों का वादी में शांति-सुरक्षा और विश्वास का माहौल बनाने में सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है।