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Jammu Kashmir: लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू, जिनके सामने आतंकी भी हुए नतमस्तक

लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू सैन्य अभियानों के कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं। उन्होंने उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर एक ब्रिगेड की कमान संभालते हुए घुसपैठ पर अंकुश लगाने में अहम भूमिका निभाई है। इसके बाद उन्हें पदोन्नत कर सेना की विक्टर फोर्स का जीओसी बनाया गया।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 10:47 AM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 11:03 AM (IST)
Jammu Kashmir: लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू, जिनके सामने आतंकी भी हुए नतमस्तक
भारतीय सेना की चिनार कोर के जनरल आफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट (जीओसी) जनरल बीएस राजू ऐसे सैन्य अधिकारी हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : भारतीय सेना की चिनार कोर के जनरल आफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट (जीओसी) जनरल बीएस राजू ऐसे सैन्य अधिकारी हैं, जिन्हें कश्मीर में आतंकवाद से निपटने का लंबा अनुभव है। वह जहां भी तैनात रहे वहां आतंकियों पर नकेल कस दिया। उनके प्रयासों से कश्मीर में कई आतंकियों ने आत्मसमर्पण किया है। गुमराह हुए कई युवाओं को मुख्यधारा में वापस लाया। इसलिए कश्मीर के आम लोगों के बीच उनका अपनापन जगजाहिर है। अब वह डायरेक्टर जनरल आफ मिलिट्री आपरेशंस (डीजीएमओ) पद की अहम पद को संभालने को तैयार हैं। वह अप्रैल माह में नई दिल्ली में इस नई जिम्मेदारी को संभाल लेंगे।

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लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू चिनार कोर के प्रमुख बनने से पहले दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद से लडऩे वाली सेना की विक्टर फोर्स की कमान संभाल रहे थे। इसके साथ ही वह उत्तरी कश्मीर में ही सेना की एक ब्रिगेड की कमान भी संभाल चुके हैं। उन्होंने कश्मीर में अपनी तैनाती के दौरान 'मां बुला रही है' मुहिम के तहत मुठभेड़ स्थलों पर आतंकवादियों को आत्मसमर्पण कर उन्हें मुख्यधारा में लाने की दिशा में सराहनीय कार्य किया। उनके कार्यकाल के दौरान कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में भी काफी कमी आई है।

एक कुशल रणनीतिकार:

लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू सैन्य अभियानों के कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं। उन्होंने उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर एक ब्रिगेड की कमान संभालते हुए घुसपैठ पर अंकुश लगाने में अहम भूमिका निभाई है। इसके बाद उन्हें पदोन्नत कर सेना की विक्टर फोर्स का जीओसी बनाया गया। वर्ष 2016 में आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद जब पूरे दक्षिण कश्मीर में हिंसा का दौर था तो उन्होंने सूझबूझ से आतंकी व अलगाववादी गतिविधियों पर काबू पाया। उन्होंने आतंकी संगठनों में भर्ती हो रहे स्थानीय युवकों को वापस मुख्यधारा में लाने के लिए आपरेशन 'मां बुला रही है' और आओ स्कूल चलें जैसे कार्यक्रम भी चलाए। अनंतनाग में आतंकवादी बना फुटबालर माजिद खान उनके ही प्रयासों से मुख्यधारा में लौटा था। इससे उत्साहित होकर दक्षिण कश्मीर के कई अभिभावक आतंकी बने अपने बेटों को मुख्यधारा में लाने के लिए विक्टर फोर्स मुख्यालय पहुंचते थे।

अब लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय संभालेंगे चिनार कोर

लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू अप्रैल में डीजीएमओ की जिम्मेदारी संभाल लेंगे। इसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय सेना के हाथों में उत्तरी कमान की चिनार कोर की जिम्मेदारी आ जाएंगी। बीएस राजू डीजीएमओ का पद लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह से संभालेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह ने वर्ष 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाई थी।


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