उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बोले- SKUAST जम्मू-कश्मीर में कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और जम्मू कश्मीर में कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाने किसानों को पर्याप्त प्रशिक्षण व अत्याधुनिक कृषि तकनीक उपलब्ध कराने में स्कास्ट को एक अहम भूमिका निभानी है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को किसानों की आय बढ़ोतरी और कृषि व संबधित क्षेत्रों में बदलाव में शेरे कश्मीर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,जम्मू (स्कास्ट-जे ) के कार्यक्रमों और विस्तार गतिविधियों के प्रभाव के आकलन का निर्देश दिया है।
स्कास्ट, जम्मू की परिषद की 19वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपराज्यपाल ने किसानों,स्थानीय उद्यमियों और निजी क्षेत्र से जुड़े संबधित लोगों की भागीदारी में बीज उत्पादक सम्मेलन शीघ्र आयोजित करने का निर्देश देते हुए कहा कि संस्थान की गतिविधियों का नियमित लेखा परीक्षण भी सुनिश्चित किया जाए।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और जम्मू कश्मीर में कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाने, किसानों को पर्याप्त प्रशिक्षण व अत्याधुनिक कृषि तकनीक उपलब्ध कराने में स्कास्ट को एक अहम भूमिका निभानी है। उन्होंने विश्वविद्यालय के लेखा परीक्षण में देरी पर रोष जताते हुए कहा कि यह नियमित अंतराल पर होना चाहिए। इसके साथ ही वित्तीय अनुशासन को सुनिश्चित बनोन के लिए आंतरिक लेखा परीक्षकों की सेवाएं ली जानी चाहिए।
उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को कृषि तकनीक और प्रौद्योगिकी को प्रयोगशालाओं से खेतों तक विस्तार को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान देने का निर्देश देते हुए कहा कि किसानों को अत्याधुनिक तकनीक के बारे में जागरुक बनाया जाना चाहिए। जम्मू अत्याधुनिक और सभी सुविधाओं से लैस बागवानी अनुसंधान केंद्र की स्थापना के कार्य को जल्द पूरा करने पर भी उपराज्यपाल ने जोर दिया। इस पर संबधित अधिकारियों ने उन्हें बताया कि फलों के आधुनिक और विकसित पाैधे लगाने का काम 70 प्रतिशत पूरा हो चुका है।
बैठक में कृषि विकास केंद्रों की गतिविधियों का जमीनी स्तर पर आकलन करने और अनुमोदित सामुदायिक रेडियो पूरी तरह से क्रियाशील बनाने के संदर्भ में उपराज्यपाल ने आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए।परिषद के सदस्यों ने नयी शिक्षा नीति 2020 को अपनाने, व्यावसायिक दृष्टि से वैध विश्वविद्यालय की परियोजनापओं को प्रचारित करने संबधी मुददों पर भी अपने सुझाव दिए।
बैठक में विश्वविद्यालय के फैक्युलिटी व समानांतर पदों में आरक्षण, कृषि फैक्युलिटी में से ही बागवानी फैक्युलिटी का प्रबंध करने, बीएससी बागवानी को संस्थागत बनाने, नान टीचिंग पदों के लिए जम्मू कश्मीर नियमों को प्रभावी बनाने संबधी मुददों पर भी विस्तार से चर्चा हुई है।