उपराज्यपाल मनाेज सिन्हा बोले- जम्मू-कश्मीर में पहले परिसीमन होगा फिर चुनाव
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहले परिसीमन होगा उसके बाद चुनाव। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष पारदर्शी और लोकतंत्र की भावना के अनुरुप ही होगी और इसमें किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होगा।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहले परिसीमन होगा, उसके बाद चुनाव। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और लोकतंत्र की भावना के अनुरुप ही होगी और इसमें किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने पीपुल्स एलांयस फार गुपकार डिक्लेरेशन पीएजीडी को किसी प्रकार का गैंग मानने से इंकार करते हुए कहा कि मेरे लिए ऐसा कुछ नहीं है।
एक राष्ट्रीय टीवी चैनल के साथ साक्षात्कार में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत हो रहा है। यह कानून संसद ने ही पारित किया है। जम्मू-कश्मीर अब एक केंद्र शासित प्रदेश है और यहां विधानसभा चुनाव कराने से पहले परिसीमन जरुरी है। यह यहां विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ाए जाने के लिए हो रहा है।
जम्मू-कश्मीर के लोग पढ़े-लिखे, अफवाहों के जाल में फंसने से बचें
उन्होंने परिसीमन की आड़ में कश्मीर को जम्मू की तुलना में राजनीतिक तौर पर कमजोर बनाने, भाजपा का फायदा पहुंचाने और एक हिंदु मुख्यमंत्री को जम्मू-कश्मीर में बैठाने की विभिन्न हल्कों में व्यक्त की जा रही आशंकाओं को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि यह वे लोग कह रहे हैं जिन्हें जम्मू-कश्मीर मे शांति, कानून व्यवस्था और एक मजबूत लाेकतंत्र से कोई सरोकार नहीं है। परिसीमन की प्रक्रिया संसद द्वारा पारित परिसीमन अधिनियम के तहत ही होगी। इसके नियम पूरी तरह स्पष्ट और परिभाषित हैं। जब लोग इस प्रक्रिया में शामिल होंगे तो उनकी आशंकाएं अपने आप दूर हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि यहां लोग पढ़े-लिखे हैं, समझदार हैं, उन्हें परिसीमन को लेकर जारी दुष्प्रचार और अफवाहों के जाल में नहीं फंसना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह संसद में जम्मू्-कश्मीर कोे राज्य का दर्जा दिए जाने का यकीन दिला चुके हैं
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पहले यहां परिसीमन होगा, उसके बाद ही चुनाव होंगे। अलबत्ता, जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिए जाने की समय सीमा पर सीधे जवाब से बचते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह संसद में भी जम्मू्-कश्मीर कोे राज्य का दर्जा दिए जाने का यकीन दिला चुके हैं।
चुनावों की समय सीमा चुनाव आयोग करेगा तय
विधानसभा चुनावों की समय सीमा पर उन्होंने कहा कि यह तो चुनाव आयाेग ही तय करेगा। चुनाव आयोग एक स्वायत्त और निष्पक्ष संस्था है, जब उसे यहां चुनाव के लायक माहौल लगेगा, वह एलान भी करेगा। यहां चुनाव पूरी तरह शांत और निष्पक्ष होंगे। जहां तक जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य का सवाल है, हालात पहले से बेहतर हैं। आतंकी और अलगाववादी घटनाएं लगातार कम होती जा रही हैं। स्थिति पूरी तरह से सुरक्षाबलों के नियंत्रण में हैं। कश्मीर समेत पूरे प्रदश में हालात शांत व सामान्य हैं। जम्मू कश्मीर में पंचायत व स्थानीय नगर निकयों के चुनाव हुए हैं, डीडीसी के चुनाव हुए हैं, इन चुनावों में कोई हिंसा नहीं हुई है। मुझे बताया गया है कि यह अब तक के सबसे शांत चुनाव हैं।
विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से बातचीत की है
जब उनसे पूछा गया कि आखिर ऐसा क्या है कि जिन लोगाें को गुपकार गैंग कहा जाता है, उनके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी की जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य बनाने, राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की बात होती है तो उन्होंने कहा कि मेरे लिए कोई गुपकार गैंग नहीं है। मैं किसी को गैंग भी नहीं समझता। आप यह सवाल पीएजीडी के नेताओं से करें । मैं जब से यहां उपराज्यपाल बनकर आया हूं, मैने यहां विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से बातचीत की है, मुलाकात की है। कई लोगों से मिला हूं। डा फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला समेत पीएजीडी के कई नेताओं के साथ मैं अक्सर बातचीत करता रहता हूं। महबूबा मुफ्ती से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं उनसे निजी तौर पर नहीं मिला हूं। उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती के एक ईमेल का मैंने जवाब भी दिया है। मैं यहां कई नेताओं से मिला हूं।