Jammu Kashmir: अब गुड गवर्नेंस से चलेगा जम्मू-कश्मीर; तीन वर्षों में हर गांव सड़क से जुड़ेगा, उच्च गुणवत्ता की बिजली भी मिलेगी
Jammu Kashmir आबादी बढऩे के साथ-साथ शहरों का विकास कैसे होगा इस पर विचार करने की जरूरत है। व्यापारी और नौकरी पेशा लोग अधिक शहरों में ही रहते हैं। उन्हें मूलभूत सुविधाएं कैसे उपलब्ध हों यह भी विचार करना है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वीरवार को कहा कि जम्मू कश्मीर का बजट देश के अन्य राज्यों की तुलना में पांच-छह गुणा अधिक होने के बावजूद पहले यहां के लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाती थीं। अब जम्मू कश्मीर को अन्य विकसित राज्यों की तर्ज पर गुड गवर्नेंस से चलाया जाएगा। यहां पर मेट्रो टे्रन, तवी रिवर फ्रंट को विकसित करने सहित कई योजनाओं को कागजों से निकाल कर मूर्त रूप दिया जा रहा है। जम्मू के विकास के लिए अब सभी को अपना योगदान देना होगा।
जम्मू बस स्टैंड में बहुमंजिला पार्किंग का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने पहले की सरकारों का नाम लिए बिना उन पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से ही जम्मू कश्मीर का बजट अन्य राज्यों की अपेक्षा कई गुणा अधिक था। मगर यहां पर उसके अनुसार, लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पाईं। इस समय भी जम्मू कश्मीर का बजट एक लाख करोड़ रुपये है। इस साल यह और बढ़ जाएगा।
उन्होंने कहा कि बिहार की जनसंख्या 12 करोड़ है और बजट मात्र दो लाख करोड़ रुपये है। सरकारी कर्मचारी बिहार में साढ़े तीन लाख हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर में साढ़े पांच लाख। उनमें से कई यह शिकायत करते रहते हैं कि उन्हें स्थायी नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब जम्मू कश्मीर को भी अन्य राज्यों की तरह ही गुड गवर्नेंस से चलाया जाए। उन्होंने कहा कि आने वाले तीन वर्षों में जम्मू कश्मीर का हर गांव सड़क से जुड़ा होगा। उच्च गुणवत्ता की लोगों को बिजली मिलेगी।
उपराज्यपाल ने कहा कि अगर जनसंख्या को देखें तो 32 फीसद लोग अभी शहरों में रहते हैं। आने वाले दिनों में यह 42 फीसद हो सकती है। सकल घरेलू उत्पादन में साठ फीसद से अधिक का इन लोगों का योगदान है। आने वाले दिनों में यह 75 फीसद हो जाएगा। इसीलिए हमें शहरों को इसी सोच से विकसित करना होगा। उन्होंने कहा कि आबादी बढऩे के साथ-साथ शहरों का विकास कैसे होगा, इस पर विचार करने की जरूरत है। व्यापारी और नौकरी पेशा लोग अधिक शहरों में ही रहते हैं। उन्हें मूलभूत सुविधाएं कैसे उपलब्ध हों, यह भी विचार करना है।
अब संस्थानों का शहर है जम्मू : उपराज्यपाल ने कहा कि पहले जम्मू को मंदिरों का शहर कहा जाता था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे संस्थानों का शहर बना दिया। यह देश में अकेला शहर है, जहां एम्स, केंद्रीय विश्वविद्यालय, आइआइटी, आइआइएम है। किसी भी शहर में यह चारों संस्थान नहीं हैं। नए जम्मू की दिशा में यह एक कदम है। अब हमें जम्मू कश्मीर को व्यवसायिक हब भी बनाना है। इस पर विचार करना है। यह अध्यात्म का हब जरूर है। अगर हम यहां पर आर्थिक गतिविधियां बढ़ाते हैं तो यहां पार्किंग की सुविधा जरूरी है। इस तरह के और कई प्रोजेक्ट बनाए जा रहे हैं।